आसमान मे कहाँ से आता है बर्फ? कैसी होने लगती है आसमान से बर्फबारी; जाने

GK knowledge: न्यूयॉर्क में 700 दिनों के बाद बर्फबारी देखी जा रही है. गुलमर्ग और शिमला में बर्फबारी देखने के लिए कई तरह के सैलानी जाते हैं. लेकिन इस बार गुलमर्ग और शिमला में बिल्कुल भी बर्फबारी नहीं हुई है. अभी कुछ समय पहले गुलमर्ग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जहां पिछले साल की तुलना में इस साल की एक तस्वीर दिखाई गई और बताया जा रहा था कि कैसे वहां पिछले साल बर्फ की चादर बिछी हुई थी और इस साल एक टुकड़ा भी नजर नहीं आया. आईए जानते हैं किस कारण से गिरता है बर्फ…….

जानिए क्यों होती है बर्फबारी(GK knowledge)

साइकिल के दौरान सूरज की गर्मी के कारण समुद्र, झीलों, तालाबों, नदियों में मौजूद जल लगातार इवेपोरेट होते रहता है इसका मतलब यह हुआ कि उसका वष्पीकरण होता रहता है. इसके बाद में भाप में बदल जाती है और यही हवा से हल्का होने के कारण आसमान की ओर चला जाता हैं जो धीरे-धीरे वायुमंडल में पहुंच जाते हैं और इकट्ठा होकर बादल का रूप ले लेते हैं.

कई बार यह बादल वायुमंडल में ज्यादा ऊपर पहुंच जाते हैं. वायुमंडल का टेंपरेचर बहुत ही कम होता है. साफ शब्दों में कहा जाए तो वायुमंडल बहुत ठंडा होता है जिसके चलते बादलों में मौजूद वाटर पेपर छोटे-छोटे स्नो फ्लेक्स में बदल जाते हैं. हवा में स्नो फ्लेक्स का वजन सहन नहीं कर पाती है और यह बर्फ के रूप में नीचे गिरने लगते हैं. इसी के वजह से स्नोफॉल या बर्फबारी देखने को मिलती है.

कब आसमान से गिरती है बर्फ

आसमान से बर्फ तब गिरती है जब वायुमंडल का तापमान 0 से कम हो जाता है. हालांकि यदि स्थिति अच्छी हो तो जमीन का तापमान भी शून्य से ऊपर होने पर बर्फबारी हो सकती है लेकिन उसके लिए जलवायु भी अच्छी होनी चाहिए. वही बर्फबारी के लिए मौसम में बदलाव की बात करें तो मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल कमजोर पश्चिमी विक्षोभ अरब सागर से नमी नहीं खींच रहा है इसलिए कम बर्फबारी हो रही है.

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नदियों में पानी की मात्रा पर पड़ेगा इसका असर

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कम बर्फबारी से पहाड़ों में बर्फ के चादर कम होगी जो ग्लेशियर को प्रभावित करेगी. वही गंगा जैसी पहाड़ी नदियों में गैर मानसूनी ऋतु में जो बर्फ की पिघलने के वजह से पानी आता है वह इस साल नहीं आएगी यही वजह है की नदियों में इस साल पानी की मात्रा कम देखने को मिलेगी.

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