Dharm News: हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाएं सोलह सिंगार करती हैं. सिंदूर मंगलसूत्र चूड़ा मेहंदी सुहागन महिलाओं के लिए बहुत मान्यता रखता है. विवाह के बाद सुहागिन महिलाएं मंगलसूत्र पहनती है क्योंकि यह सुहाग की निशानी मानी जाती है और यह नियम सदियों से चला रहा है. आईए जानते हैं सुहागिन महिलाएं क्यों पहनती है मंगलसूत्र.
पति-पत्नी के बीच निष्ठा बढ़ाता है मंगलसूत्र(Dharm News)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना गुरु के प्रभाव में होता है और गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन में खुशहाली संपत्ति और ज्ञान का कारक माना जाता है. काला रंग सनी का प्रतीक माना जाता है और शनि अस्तित्व और निष्ठा का कारक होता है. दोनों के संजोग से पति-पत्नी में खुशियां और निष्ठा बनी रहती है.ऐसे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है.
सुहाग को बुरी नजर से बचाता है मंगलसूत्र
विवाह के समय सबकी नजर दुल्हन पर टिकी होती है और इससे दुल्हन को नजर लगने का भाई रहता है साथ ही उसके सुहाग को नजर लगने का भय रहता है. मंगलसूत्र में काला मोती लगाए जाने के वजह से मंगल सूत्र पहनने से दुल्हन को और उसके सुहाग को नजर लगने का भय नहीं रहता है.मंगलसूत्र पहनने से सुहाग को किसी भी तरह का खतरा नहीं होता है.
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प्रेम का प्रतीक
मंगलसूत्र में सोने का अंश जुड़ा होता है और शास्त्रों में सोना धारण करने से शरीर शुद्ध हो जाता है. स्नान के समय सोने का स्पर्श करके जो पानी शरीर पर गिरता है इससे पापों से मुक्ति मिलती है और मंगलसूत्र में मोर का चिन्ह बना होता है जो पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. शादी के बाद लोग मंगलसूत्र जरूर पहनते हैं क्योंकि इस मंगलसूत्र सुहाग की निशानी होती है और इससे सुहाग की रक्षा होती है.
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