लगन और मेहनत हो तो संसाधनों की कमी से भी इंसान पीछे नहीं हटता। आज हम आपको श्रीनाथ के बारे में बताने जा रहे हैं। श्रीनाथ केरल के एक कुली थे ,लेकिन उन्होंने सूट बूट पहनने का सपना देखा था।उन्होंने अफसर बनने का सपना देखा था। संसाधनों की कमी तो थी लेकिन उन्होंने मेहनत,लगन और दृढ़ संकल्प के साथ अपना सपना पूरा किया। और सिविल सर्विसेज में सफलता हासिल की। उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो कई संसाधनों के होने के बावजूद अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं। श्रीनाथ पेशे से एक स्टेशन पर कुली के तौर पर काम करते थे। लेकिन स्टेशन पर लगे फ्री वाईफाई का उपयोग कर उन्होंने अधिकारी के पद को हासिल किया। चलिए जानते हैं उनकी सफलता की दास्तान।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा था परिवार, कुली का काम करना हुआ मजबूरी
आपको बता दें कि श्रीनाथ केरल के मुन्नार कस्बे के निवासी हैं। हालांकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी इसके बावजूद वह अपने सपनों को पूरा करने में कामयाब हुए। परिवार में आर्थिक तंगी इस कदर थी कि उनके पास ना तो अच्छा घर था और ना ही दो वक्त का भोजन करने के लिए पैसे। और इसी वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई को जल्द ही छोड़ना पड़ गया। और रेलवे स्टेशन कुली का काम करना पड़ा।श्रीनाथ केरल के एर्नाकुलम जंक्शन में कुली का काम करते थे। लेकिन बचपन से ही पढ़ने का शौक उनके जहन में इतना ज्यादा था कि वह जब भी कुली का काम करते रहते थे तब भी उनके मन में पढ़ाई को लेकर ही विचार आते रहते थे।
कोचिंग के लिये ना समय था और ना ही पैसे
अगर उनकी पढ़ाई की बात की जाए तो उन्होंने अपने स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से आगे पढ़ाई ना कर सके। मजबूरन उन्हें काम करना पड़ा। उन्होंने अपने साक्षात्कार में यह बात बताई है कि दिन भर काम करने के बाद शाम को वो इतना थक जाते थे कि वह घर आकर आराम करने लगते थे। ऐसे में उनके लिए पढ़ाई करना बेहद मुश्किल हो गया था। लेकिन उन्होंने प्रण ले लिया कि अब वह घर जाकर पढ़ाई जरूर करेंगे। पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने कोचिंग नहीं ज्वाइन की। लेकिन घर पर ही कॉपी किताब खरीद कर अपनी पढ़ाई शुरू कर दिया करते थे ।
ऐंड्रॉयड फोन बना पढ़ाई का ज़रिया,स्टेशन के फ्री वाईफाई की ली मदद
जैसे तैसे करके श्रीनाथ ने एंड्रॉयड फोन खरीदा और स्टेशन पर ही फ्री वाईफाई की मदद से उस एंड्रॉयड फोन का फायदा उठाने लगे। वह इंटरनेट की मदद से लेक्चर देखा करते थे। और उससे नोट्स बना लिया करते थे ।खाली समय मिलने पर उन्हीं नोट्स और किताबों से वह पढ़ाई करते थे ।जहां दूसरे कुली काम के दौरान ईयर फोन लगाकर गाने सुनते थे वही श्रीनाथ काम में भी ऑडियो लेक्चरर्स सुना करते थे ।
कई सालों के प्रयास से मिली सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता
श्रीनाथ पढ़ाई करते-करते लगातार नौकरियों के फॉर्म भी भरा करते थे। दो बार उन्होंने यूपीएससी का फॉर्म भरा था और उसकी तैयारी भी की थी लेकिन वो यूपीएससी में सफलता प्राप्त नहीं कर पाए। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। अपने सपने को साकार करने के लिए वह दिन रात एक कर के पढ़ाई करते रहें और सिविल सर्विसेज की तैयारी करते रहें। उनकी मेहनत, लगन और संकल्प ने उन्हें सफलता प्रदान की।
केरल प्रशासनिक विभाग में दे रहें सेवा
साल 2018 में उन्होंने केरल की सिविल सेवा यानी के पी एस सी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली। और उनकी यही सफलताओं उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई जो जरूरी संसाधनों का उपयोग करते हुए भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
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