बिहार (Bihar) के 16 जिलों के 900 से अधिक घाटों पर बालू खनन का काम शुरू हो गया है। इस कड़ी में राज्य में इसी महीने पुराने पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकार की ओर से बालू खनन (Sand Mining In Bihar) की इजाजत दे दी गई है। फिलहाल राजधानी पटना के अलावा जमुई, नवादा, बेतिया, अरवल, बांका, लखीसराय, भोजपुर, औरंगाबाद, बक्सर, गया, मधेपुरा, किशनगंज, सारण और वैशाली में बालू खनन का काम शुरू कर दिया गया है। इस दौरान बालू खनन की प्रक्रिया पर बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड की देखरेख में की जाएगी।
5 सालों के लिए बालू घाटों की की गई बंदोबस्ती
विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों और पुराने बंदोबस्तधारियों से रॉयल्टी वसूल करते हुए खनन की इजाजत दे दी गई है। इस कड़ी में दूसरी ओर 5 सालों के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया की जा रही है। खान एवं भूतत्व विभाग के मुताबिक 28 जिलों के नए सिरे से बंदोबस्ती के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है, जिसके मद्देनजर 900 घाटों पर बंदोबस्ती की जा रही है।
इस महीने के अंत तक हो जाएगी बालू घाटों की बंदोबस्ती
विभाग द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक अक्टूबर महीने के अंत तक इन सभी घाटों की नए सिरे से बंदोबस्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। साथ ही राज्य में जून माह के पहले ही बालू खनन की अवधि विस्तार के लिए बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में अनुरोध किया था। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने अवधि विस्तार देने से साफ इनकार करते हुए नया टेंडर जारी करने के आदेश दिए थे। यही वजह है कि एनजीटी के निर्देश के मद्देनजर जुलाई से बंद होने वाला बालू खनन का काम 1 महीने पहले यानी जून में ही बंद कर दिया गया था।
खान निरीक्षकों की की गई तैनाती
बालू खनन की प्रक्रिया को शुरू करने के साथ ही खान एवं भूतत्व विभाग के 88 खान निरीक्षकों को विभिन्न जिलों में तैनात कर दिया गया है। विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना भी जारी की गई है, जिसके मुताबिक चार खान निरीक्षकों का तबादला कर दिया गया है। वहीं जिन 88 खान निरीक्षकों को अलग-अलग जिलों में तैनात किया गया है, उनकी नियुक्ति हाल ही में विभाग की ओर से की गई है। विभाग बीते काफी लंबे समय से खान निरीक्षकों की कमी के चलते परेशानी का सामना कर रहा था, वही इन नए निरीक्षकों की नियुक्ति के साथ ही अब खनन प्रक्रिया सुचारु रुप से की जा सकेगी।