दुकान चलाते थे अरविंद अकेला ‘कल्लू’ के पिता, 9 साल की उम्र में बेटे का एल्बम निकाल कर दिया फेमस

Arvind Akela Kallu: भोजपुरी फिल्मों के यंग स्टर कहे जाने वाले अरविंद अकेला कल्लू आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। अरविंद अकेला कल्लू ने कामयाबी का यह मुकाम अपनी मेहनत, अपनी आवाज और अपने दमदार अभिनय के जरिए हासिल किया है। हालांकि इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। अपनी कामयाबी को लेकर अरविंद अकेला कल्लू आज भी यही कहते हैं कि उन्हें यह सब कुछ एक सपने जैसा लगता है, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने एक लंबा संघर्ष झेला है। कल्लू अकेला 9 साल की उम्र में ही अपने गाने से रातों-रात स्टार बन गए थे। उनके पहले एल्बम को रिकॉर्ड कराने और उसे रिलीज करने के लिए उनके पिता ने बड़ी जद्दोजहद से पैसे इकट्ठे किए थे। ऐसे में आइए हम आपको अरविंद अकेला कल्लू के निजी संघर्ष की कहानी बताते हैं।

Arvind Akela Kallu

अरविंद अकेला कल्लू को भोजपुरी दर्शकों के बीच आज सिर्फ कामयाबी ही नहीं मिली, बल्कि इसके साथ ही वह लोगों के दिलों पर अपनी आवाज और अपने दमदार अभिनय के चलते राज भी करते हैं। कल्लू भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार है ऐसे में लाखों लोग उनके फैन है, लेकिन वह पवन सिंह के फैन है। इतना ही नहीं पवन सिंह को कल्लू अकेला अपना गुरु भी मानते हैं। कल्लू अकेला कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि वह उनके गानों को सुन सुनकर ही बड़े हुए हैं और उन्हें गानों के जरिए उन्होंने रियाज किया है।

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कौन है कल्लू अकेला के पिता चुनमुन चौबे

अरविंद अकेला कल्लू के पिता का नाम चुनमुन चौबे है। वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पिता को ही देते हैं। कल्लू ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनके पिता राइटर और डायरेक्टर दोनों रह चुके हैं, लेकिन वह सिर्फ स्टेज शो ही लिखा करते थे। अरविंद अकेला कल्लू को बचपन से ही गानों का शौक था। वह स्कूल के दिनों में ही गाना गाने लगे थे। पहली बार जब उन्होंने साल 2006 में स्टेज पर गाना गाया, तो वह उस समय 8 साल के थे। इस दौरान उन्होंने सरस्वती पूजा में अपने गांव वालों के साथ ने गाना गाया और अपनी आवाज से सभी का दिल जीत लिया।

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बचपन से ही देखे हैं गरीबी के दिन

अरविंद अकेला कल्लू का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। ऐसे में उन्होंने बचपन से ही गरीबी के दिन देखे हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिसके चलते उनके पिता पैसों के अभाव में चाह कर भी खुद का एल्बम नहीं निकाल सकते थे। अरविंद अकेला कल्लू के पिता की रिक्शा बनाने की एक छोटी सी दुकान थी। वह बक्सर के एक छोटे से गांव अहिरौली में इस दुकान को चलाते थे, जहां वह रिक्शा बनाकर बेचा करते थे। इस कमाई से उनके परिवार का गुजर-बसर बेहद मुश्किल से चलता था।

Arvind Akela Kallu

ऐसे में जब उन्होंने देखा कि उनके बेटे अरविंद में भी गायकी के गुण हैं, तो उन्होंने पैसों का जुगाड़ किया और बेटे के सपने को पूरा करने के लिए 9 साल की उम्र में अरविंद अकेला कल्लू का पहला एल्बम शूट किया, जिसका टाइटल गवना कहिया ले जईबा रिलीज हुआ। इस एलबम के रिलीज होने के बाद अरविंद अकेला कल्लू रातों-रात स्टार बन गए। उनका यह गाना लोगों की जुबान पर चढ़ गया और इसी के साथ उन्हें कई प्रोजेक्ट मिलने शुरू हो गए।

Arvind Akela Kallu family

पहले ही एल्बम से स्टार बन गए अरविंद अकेला कल्लू

अरविंद अकेला कल्लू अपनी पहली ही एल्बम से रातों-रात स्टार बन गए थे। लोगों के दिलों दिमाग पर उनका गाना चढ़ गया था। लोग उनकी आवाज को भी पसंद करने लगे थे। हालांकि अभी भी अरविंद अकेला कल्लू की इच्छा अधूरी थी। दरअसल वह फिल्मों में भी काम करना चाहते थे। ऐसे में जब उन्होंने देखा कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सिंगर और एक्टर भी काम करते हैं, तो उन्होंने भी डेब्यू करने का मन बना लिया।

इस दौरान फिल्म डायरेक्टर अरविंद चौबे ने उन्हें पहला ब्रेक अपनी फिल्म दिल भईल दीवाना में दिया। इस फिल्म में काम करने के बाद उनके करियर ने पॉपुलरिटी की वो छलांग को लगाई, जिसका नजारा आज यह है कि आज हर साल उनकी 2 से 3 फिल्में रिलीज होती है।

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