अनुराधा पौडवाल अपने करियर में एक से बढ़कर एक गाने गाए हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके गले में मां सरस्वती का वास होता है. उनकी आवाज में इतनी मधुरता है कि लोग उनके गीतों के दीवाने हो जाते हैं. उन्हें भक्ति गानों से एक अलग पहचान मिली है. उन्होंने यह कामयाबी पाने के लिए जिंदगी में कई परेशानियों का सामना किया है. लेकिन अगर उनकी असल जिंदगी की बात करें तो उन्होंने अपने जीवन में कई उतार और चढ़ाव देखे हैं.
अनुराधा पौडवाल का जन्म 23 अक्टूबर 1954 को हुआ था उनके गायकी क्षेत्र की बात करें तो इन्होंने साल म1973 में जया बहादुरी के लिए एक श्लोक गाकर फिल्म “अभिमान” से अपना करियर शुरू किया था. अनुराधा पौडवाल बतौर प्लेबैक सिंगर इन्होंने फिल्मी दुनिया में कई साल अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया. इसके बाद इन्होंने एक म्यूजिक कंपनी T-series में भी काम करना शुरू कर दिया. इन्होंने ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ तेजाब, आशिकी जैसी फिल्मों में अपनी गायिका का लोहा मनवाया है.
इन्हें चुना था हमसफर
साल 1969 में अनुराधा पौडवाल ने एसडी बर्मन के असिस्टेंट अरुण पौडवाल को अपना हमसफर चुना. लेकिन 1 नवंबर 1991 को एक सड़क हादसे में अरुण पौडवाल दुनिया छोड़कर चले गए. इन दोनों के दो बच्चे हुए जिनके नाम कविता और आदित्य है. हालांकि अपने पति के चले जाने के बाद अनुराधा ने अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई.
गुलशन कुमार के संग जुड़ चुका है नाम
T-series म्यूजिक कंपनी के मालिक गुलशन कुमार अनुराधा पौडवाल को कई गाने दिए. अनुराधा इन गानों को गाकर इंडस्ट्री में अपना नाम बना लिया. कहा जाता है कि गुलशन कुमार इन्हें दूसरी लता मंगेशकर के रूप में देखना चाहते थे. अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार के अफेयर की खबरें भी मीडिया में आने लगी थी. लेकिन इन दोनों ने कभी इस रिश्ते को लेकर बात नहीं की.
गुलशन कुमार की मृत्यु से इस कदर टूटी
अपनी मधुर आवाज की दम पर अनुराधा पौडवाल ने इंडस्ट्री में अपना नाम बना चुकी थी. उस समय लता मंगेशकर को स्वर कोकिला का खिताब मिला हुआ था. लेकिन अनुराधा पौडवाल का नाम लता मंगेशकर से भी ऊपर आने लगा था. देखते ही देखते यह T-series की काफी जानी-मानी गायिका बन गई. लेकिन धीरे-धीरे इन्होंने फिल्मी गानों से रुख मोड़ कर भक्ति गीत और भजन की तरफ मोड़ लिया. इसी बीच T-Series के मालिक गुलशन कुमार के निधन की खबर आ गई. जिसके बाद उन्हें काफी बड़ा झटका लगा. कहा जाता है कि उनके निधन से वह इस कदर टूटी कि उन्होंने फिल्मी गानों को पूरी तरह अलविदा कह दिया.
बेटे का भी छूटा साथ
1 नवंबर 1991 को एक सड़क हादसे में अनुराधा पौडवाल के पति अरुण पौडवाल की मौत हो गई थी. अनुराधा के पास एक बेटा और बेटी का सहारा ही बचा था. लेकिन अनुराधा पर दुख का पहाड़ तो तब टूटा जब बीते 12 दिसंबर को इनके बेटे आदित्य ने भी उनका साथ छोड़ दिया. रिपोर्ट के मुताबिक आदित की किडनी काफी वक्त से खराब चल रही थी, जिसके अचानक फेल होने से उन्होंने दुनिया छोड़ दिया. अपने पति और बेटे की मृत्यु के बाद अनुराधा पौडवाल के पास अब सिर्फ बेटी रह गई है.
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