अन्नू कपूर: बनना चाहते थे IAS, पर हालात से मजबूर हो बेचे चाय और चूरन, फिर ऐसे बने स्टार

हमारे बॉलीवुड में ऐसे कई सितारें हैं जिन्होंने लीड रोल में ना होने के बावजूद भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा और दर्शकों द्वारा खूब सराहे भी गए। इन्ही सितारें में से एक हैं पॉपुलर कलाकार और होस्ट अनु कपूर जिनकी गिनती उन एक्टर्स में होती हैं जिन्होंने गंभीर हो या चाहे कॉमेडी हर किरदार से लोगों का दिल जीत लिया। अनु कपूर आज किसी पहचान के मोहताज नही हैं। भले ही फिल्में हिट हो या फ्लॉप, दर्शक अनु कपूर की एक्टिंग को हमेशा ही पसंद करते आये हैं, अनु भी अपने हर एक किरदार में अपनी पूरी जान लगा देते हैं। हाल ही में एक वेब सीरीज “पौरुषपुर” रिलीज हुई थी जिसमे अनु जी ने एक बार फिर से लोगों को अपने अभिनय से हैरान कर दिया था।

फिल्मों के अलावा अनु कपूर छोटे पर्दे पर भी अपना कमाल दिखा चुके हैं। एक समय पर टीवी के चर्चित शो ‘सुहाना सफर’ में अनु कपूर बतौर होस्ट फिल्मी दुनिया की बहुत सी अनकही कहानियां सुनाते नजर आते थे। उनका यह शो लोगों के बीच बेहद फेमस था और इतने सालों बाद भी लोग आज उनके इस शो को बेहद याद करते हैं। तो चलिए आज हम आपको बड़े पर्दे के साथ साथ छोटे पर्दे पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले अनु कपूर के बारे में कुछ अनकही बाते बताते हैं जो शायद ही कोई जानता होगा।

पंजाबी परिवार में जन्मे अनु कपूर को बचपन से ही एक्टिंग का बड़ा शोक था। अनु कपूर की माँ बंगाली और एक बेहतरीन क्लासिकल डांसर थी, वही उनके पिता एक पारसी थिएटर कंपनी चलाया करते थे। एक्टिंग में रुचि होने के कारण अनु कपूर अक्सर शहर शहर जाकर गली नुक्कड़ में अपनी प्रस्तुति दिया करते थे और यही वो वजह थी कि उनके पूरे परिवार को नौटंकिवाला कह कर बुलाया जाता था।

अनु कपूर एक आईएएस अफसर बनना चाहते थे मगर परिवार में पैसों की कमी के कारण अनु कपूर ने अपनी पढ़ाई पूरी नही की।
बचपन से ही घर में पैसों की तंगी देखते आ रहे अनु कपूर ने परिवार की मदद करने के लिए चाय बेचना शुरू किया। मगर उनका यह काम चल नही पाया। फिर उन्होंने लाटरी की टिकट बेचनी शुरू की और जब इन सारी चीजों से काम नही बनी तो अंत में अनु कपूर ने अपने पिता की थिएटर कम्पनी जॉइन की और फिर बाद में दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अपना दाखिला करा लिया।

अपने थिएटर के दिनों में 23 साल के अनु कपूर ने एक प्ले के दौरान 70 साल के एक बुड्ढे का किरदार निभाया था लेकिन उन्हें कहा पता था कि उनका यह रोल उनकी किस्मत बदल देगा। दरअसल उस प्ले को देखने बड़े बड़े लोग आए थे जिनमें से एक थे फ़िल्म मेकर श्याम बेनेगल। अनु कपूर द्वारा निभाया गया वो रोल श्याम बेनेगल को इतना पसंद आया कि उन्होंने अनु कपूर को मिलने के लिए अपने आफिस बुला लिया।

यह वही समय था जब अनु कपूर की किस्मत बदल गई और फ़िल्म “मंदी” से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। हालांकि फिल्मी करियर में अनु कपूर कभी भी लीड रोल में नजर तो नही आये मगर उन्होंने अपने किरदार की छाप लोगों के दिलों दिमाग पर कुछ यूं छोड़ी की लोग उन्हें बेहद पसंद करने लगे।

Manish Kumar

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