किसकी किस्मत कब पलटी मार जाए यह कोई नहीं जानता। कभी समय और किस्मत राजा को रंक बनाते हैं, तो कभी रंक को राजा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे उसके समय, किस्मत और मेहनत ने रंक से राजा बनाया है। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जिन्होंने 8000 की मासिक सैलरी पर एक स्टार्टअप कंपनी में चपरासी की नौकरी पाई थी। और जैसे उनकी किस्मत पलटी वैसे ही वह उस कंपनी के लखपति एंप्लॉय बन गए। जानिए कैसे श्याम कुमार ने चपरासी से लखपति तक का सफर तय किया।
आर्थिक तंगी की वजह से शुरू की थी चपरासी की नौकरी
आज हम जिस इंसान की बात कर रहे हैं, उनका नाम है श्याम कुमार। उनका एक वक्त ऐसा भी था जब घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। उनके पिता की उस वक्त तबीयत खराब हो गई। जिसके कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी और नौकरी तलाश शुरू कर दी। लेकिन पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण उनको कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल रही थी, तभी उनके छोटे भाई जो कि मुंबई में ही एक वरिष्ठ अधिकारी के यहां ड्राइवरी का काम कर रहे थे। उन्होंने अपने भाई की नौकरी के लिए अधिकारी से मदद मांगी। अधिकारी के दोस्त संस्थापक जितेंद्र गुप्ता थे। बैंक अधिकारी ने संस्थापक जितेंद्र गुप्ता से इस बारे में बात की थी। तभी श्याम को सिफारिश के द्वारा 8000 की नौकरी मिली। लेकिन वह नौकरी थी चपरासी की।
चपरासी से लखपति कैसे बने श्याम?
साल 2010 में श्याम कुमार ने मुंबई के मोबाइल वॉलेट स्टार्टअप कंपनी Citrus Pay में चपरासी की नौकरी शुरू की थी। जब श्याम ने उस कंपनी में चपरासी के तौर पर नौकरी करनी शुरू की, तो कंपनी में मात्र 50 एम्प्लॉयज थे। उस समय जितेंद्र ने अपने कर्मचारियों को अप्लाई स्टॉक ओनरशिप प्लान के जरिए शेयर देने का प्रस्ताव भी दिया था। लेकिन श्याम पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए उनको इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। जितेंद्र ने उनको बताया था कि आने वाले समय में इसका फायदा मिल सकता है इसी वजह से श्याम ज्यादा खुश थे।
पेयू ने कंपनी खरीदी तो श्याम को हो गया फायदा
6 साल बाद पेयू ने 13 करोड़ डॉलर में कंपनी खरीद ली। इसके साथ ही श्याम की शेयर की कीमत भी $75000 यानी ₹50 लाख की हो गई। जब 26 लाख रुपए श्याम के अकाउंट में आए तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। इसी तरीके से कंपनी का एक छोटा सा कर्मचारी लखपति बन गया।