IAS Govind Jaiswal: कामयाबी की राह अगर मेहनत के दम पर हासिल करने का फैसला कर लिया हो, तो कोई भी आपको अपनी कामयाबी का मुकाम हासिल करने से नहीं रोक सकता। यह बात आईएएस गोविंद जायसवाल ने सच कर दिखाई है। गोविंद जायसवाल उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक का पदभार संभाल रहे हैं। कामयाबी के इस पद को हासिल करने में गोविंद को एक लंबा संघर्ष भरा जीवन जीना पड़ा है। इस दौरान उनके परिवार के दूसरे लोगों ने भी उनका इस कठिन सफर में भरपूर साथ दिया है।
रिक्शा वाले का बेटा बना आईएएस
आईएएस गोविंद जयसवाल की कामयाबी की कहानी बेहद प्रेरणादाई है। गोविंद जयसवाल के पिता एक रिक्शा कंपनी के मालिक थे। उनके पिता के पास कुल 35 रिक्शा थे। गोविंदा की मां ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गई थी। ऐसे में उनके पिता ने पत्नी के इलाज में कई रिक्शे को बेच दिया और हालात इतने खराब हो गए कि वह गरीब हो गए। जब गोविंद सातवीं क्लास में थे, तब उनकी मां का निधन हो गया। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि गोविंद के पिता अपने बच्चों को लेकर काशी के अलईपुरा की एक छोटी सी कोठरी में शिफ्ट हो गए।
सूखी रोटी खाकर गुजारनी पड़ी रातें
आर्थिक कमजोरी के कारण अब परिवार वालों के पास खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। ऐसे में गोविंद के परिवार को कई रातें सूखी रोटी खाकर भी गुजारनी पड़ी। इन सबके बावजूद गोविंद के पिता ने अपने बच्चों को कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ने दी। उन्होंने अपनी चारों बच्चों को पढ़ाया। तीनों बेटियों ने ग्रेजुएशन किया और फिर उन्होंने उनकी शादी कर दी। गोविंद जयसवाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई उस्मानपुर के सरकारी स्कूल से की। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए वाराणसी में ही स्थित हरिशचंद्र यूनिवर्सिटी गए, जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन किया।
पहले प्रयास में पास की UPSC की परीक्षा
ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद गोविंद जयसवाल यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली आ गए। इस दौरान उनके पिता ने बेटे की इस मेहनत में पूरा साथ दिया और पैरों में घाव होने के बावजूद भी रिक्शा चलाते थे। ऐसे में जो कुछ कमाते वह बेटे को दिल्ली भेज देते। दिल्ली में आकर गोविंद ने कोचिंग ज्वाइन की और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हुए अपने यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। इस दौरान उन्होंने अपने पैसों को बचाने के लिए एक टाइम का टिफिन और चाय भी बंद कर दी। उनकी मेहनत रंग लाई और साल 2007 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा अपने पहले ही अटेंप्ट में 48वीॉ रैंक के साथ पास कर ली।
IAS Govind Jaiswal Wife भी IAS ऑफिसर
आईएएस गोविंद जायसवाल अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिवार को देते हैं। बता दें आईएएस गोविंद जायसवाल की पत्नी का नाम चंदना चौधरी है। वह भी एक आईएएस ऑफिसर है। दोनों ने अरेंज मैरिज की थी। चंदना को गोविंद के पिता ने ही उनके लिए पसंद किया था। आईएएस गोविंद जयसवाल की निजी जिंदगी पर आधारित जल्द ही एक बॉलीवुड फिल्म बनने वाली है। इस फिल्म का नाम दिल्ली अब दूर नहीं रखा गया है, जिसका निर्देशन शुरू हो गया है। बता दे यह फिल्म 12 मई 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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