सैनेटिरी पैड्स के इस कानून के बारें में जानते है आप? ऑफिसों के लिए भी लागू है ये खास नियम

बिहार की एक आईएएस ऑफिसर (IAS Harjeet Kaur) की ओर से छात्रा द्वारा फ्री सैनिटरी पैड्स (IAS Harjeet Kaur On Sanitary Pads) देने के सवाल पर दी गई प्रतिक्रिया ने चौतरफा हंगामा मचा दिया था, दरअसल बिहार की एक छात्रा में एक कार्यक्रम के दौरान आईएएस अधिकारी से फ्री सेनेटरी पैड देने की मांग की, जिसके जवाब में उन्होंने ऐसा विवादास्पद जवाब दिया जिसके बाद पूरे देश में हंगामा मच गया था । आखिर भारत में सरकार (Indian Government On Sanitary Pad) द्वारा बनाए गए सेनेटरी पैड के नियम क्या कहते हैं। सरकार किस तरह से पैड्स को प्रमोट कर रही है…हम आपको उसके बारे में डिटेल में बताते हैं।

क्या सेनेटरी पैड आवश्यक वस्तु है?

अब तक भारत सरकार की ओर से सेनेटरी पैड को आवश्यक वस्तु घोषित नहीं किया गया है। हालांकि मामला कोर्ट में जरूर दस्तक दे चुका है। साल 2010 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मुंबई हाईकोर्ट में बताया था कि निर्धारित प्रक्रिया के बाद सेनेटरी पैड को आवश्यक वस्तु घोषित किया जा सकता है।

इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि सैनिटरी नैपकिन को आवश्यक वस्तु घोषित करने का फैसला नियत प्रक्रिया का पालन करने और बाजार में मौजूद परिदृश्य और मांगों की आपूर्ति के अंतर को समझने के बाद ही लिया जा सकता है।

क्या कहता है सेनेटरी पैड का कानून और नियम

मौजूदा सेनेटरी पैड नियमों के आधार पर बात करें तो अभी मॉडल फैक्ट्री इस नियम के रूल 44(c) के मुताबिक भारतीय मानकों के अनुरूप सैनिटरी नैपकिन महिलाओं के शौचालय में उनके उपयोग के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे और साथ ही रखने के भी निर्देश है। साथ ही दैनिक आधार पर इनकी पूर्ति करना भी अनिवार्य है। वही उपयोग किए गए नैपकिन के लिए एक खास डिस्पोजल भी लगाने होंगे।

टैक्स फ्री है सेनेटरी पैड

हालांकि सरकार द्वारा साल 2018 में सैनिटरी पैड्स को टैक्स फ्री करने का बड़ा कदम उठाया गया था। बता दे पहले सैनिटरी पैड्स पर 12% की जीएसटी लगती थी, जिसे साल 2018 में खत्म करते हुए टैक्स फ्री कर दिया गया था। आंकड़ों के आधार पर बात करें तो बता दें कि देश की 255 मिलियन महिलाओं में से 12 फ़ीसदी औरतें ही सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं।

किस देश में फ्री मिलते हैं सैनिटरी पैड्स

जहां भारत में फ्री सेनेटरी पैड को लेकर इतना बड़ा बवाल मचा है, तो वही बता दें कि स्कॉटलैंड से लेकर कन्या जैसे देशों में सेनेटरी पैड पर प्रोडक्ट एक्ट लागू किया गया है, जिसके मुताबिक इन देशों में पीरियड्स के दौरान इनसे जुड़े सामान जैसे सेनेटरी पैड, टेम्पोल आदि मुफ्त मिलते हैं। हालांकि बता दे कि भारत के कई स्कूलों और कॉलेजों में भी सैनिटरी नैपकिन फ्री दिए जाते हैं।

Kavita Tiwari