हरियाणा की डांसिंग क्वीन के नाम से देश भर में मशहूर सपना चौधरी (Sapna Choudhary) इन दिनों लगातार विवादों में घिरती नजर आ रही है। वही बढ़ते विवाद (Sapna Choudhary Controversy) के साथ ही सपना चौधरी की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है। ऐसे में मंगलवार को डांसर और सिंगर सपना चौधरी कोर्ट (Sapna Choudhary In Lucknow Court) में सरेंडर करने पहुंच गई है। इसके लिए सपना चौधरी लखनऊ पहुंची है और कहा जा रहा है कि वह कोर्ट में सरेंडर (Sapna Choudhary Surrender) भी कर सकती है।
सरेंडर करने लंखनऊ पंहुची सपना चौधरी
बता दे सपना चौधरी के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था। दरअसल डांसिंग क्वीन सपना चौधरी के खिलाफ लखनऊ की कोर्ट में बीते दिनों जारी किए गए इस गैर जमानती वारंट से पहले उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए कई बार नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद भी सपना चौधरी कोर्ट में हाजिर नहीं हुई। सपना चौधरी के खिलाफ कोर्ट की ओर से गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की तलवार भी लटकने लगी।
क्या है सपना चौधरी का लखनऊ विवाद
लखनऊ स्थित आशियाना थाना में सपना चौधरी समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। केस के मुताबिक उन पर धोखाधड़ी के मामले में एफआइआर भी दर्ज हुई थी। सपना चौधरी के खिलाफ ये एफआईआर डांस शो में पैसा लेने के बावजूद भी ना पहुंचने के आरोप में लगाई गई थी, जिसके बाद से अब तक कोर्ट में हाजिर भी नहीं हुई थी।
पैसे लेने के बाद भी कार्यक्रम में नहीं पहुंची सपना चौधरी
यह पूरा मामला 13 अक्टूबर 2018 का है, जिसके तहत लखनऊ के आशियाना के एक निजी क्लब में सपना चौधरी का शो आयोजित किया गया था। शो के टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बेचे गए थे। सपना को दोपहर 3:00 बजे कार्यक्रम करना था जो कि रात के 10:00 बजे तक चलना था। सपना चौधरी का शो नवीन शर्मा, जुनैद अहमद, रत्नाकार उपाध्याय, पहल इंस्टिट्यूट के इवाद अली और अमित पांडे द्वारा आयोजित कराया गया था, लेकिन इस कार्यक्रम में सपना चौधरी नहीं पहुंची।
सपना चौधरी के कार्यक्रम में ना पहुंचने के बाद सपना की स्टेज परफॉर्मेंस देखने आए हजारों दर्शकों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने इस दौरान न सिर्फ जमकर हंगामा किया, बल्कि टिकट के पैसे भी वापस मांगे। साथ ही इस कार्यक्रम की टिकट खरीदने वाले कई दर्शकों ने आयोजकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए, वहां जमकर हंगामा किया। हंगामे और तोड़फोड़ को बढ़ते देख पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत करा दिया और आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया।