अपने दिल-दिमाग, यादों से किसी को भी भुला देना इतना आसान नहीं होता। फिर चाहे ये आप अपने मन से करना चाहे या कोई कानूनी तरीका अपनाकर इसे भुलाना चाहे। दोनों में ही आपको खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में खुद को भुला देने की एक ऐसी कानूनी टर्म प्रक्रिया है, जो लीगल (Right To Forgotten) है जिसके बारे में शायद ही आपने पहले सुना होगा। यह कैसी प्रक्रिया है, जिसके बारे में बेहद कम लोग जानते हैं…लेकिन यह एक बड़ा मुद्दा है। दरअसल हाल-फिलहाल भुला दिए जाने की मांग को लेकर एक नया मुद्दा सामने आया है। खास बात यह है कि यह मुद्दा एक एक्टर के जरिए उठाया गया है।
अशुतोष कौशिक ने की भुला देने की माग
सूत्रों की माने तो बॉलीवुड एक्टर आशुतोष कौशिक (Ashutosh Kasuhik) ने खुद को भुला देने की कोर्ट से इजाजत मांगी है। इसके लिए उन्होंने बकायदा दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 1 अप्रैल को होगी। आशुतोष कौशिक ने अपनी याचिका के साथ कहा है कि अदालत उन्हें राइट टू फॉरगॉटेन (Right To Be Forgotten) यानी भुला दिए जाने का अधिकार देने की मांग की है। अपनी इस अर्जी में उन्होंने अपनी एक गलती का जिक्र किया है, जिसका असर उनकी जिंदगी पर पड़ रहा है। आशुतोष कौशिक का कहना है कि उनसे यह गलती 14 साल पहले हुई थी और वह अपनी इस गलती को भुला देना चाहते हैं।
क्या होता है Right To Forgotten
दरअसल यह एक ऐसा कानूनी अधिकार है जिसके जरिए लोग अपनी जिंदगी से जुड़े उन पलों को मिटा देने की मांग करते हैं, जिनमें उन्होंने कोई ऐसी गलती की हो, जिसका असर उनके भावी जिंदगी पर पड़ रहा हो। खासकर इस लीगल टर्म का इस्तेमाल वह लोग करते हैं, जो अपने किसी छोटी या बड़ी गलती के बाद सजा काट कर अपनी जिंदगी में वापस लौटते हैं।
क्या है भुला दिए जाने का अधिकार
भुला दिए जाने का अधिकार एक ऐसी कानूनी टर्म है, जिसके जरिए लोग खुद की जिंदगी से जुड़े कुछ पलों को भुला देना चाहते हैं। इसका साधारण मतलब यह है कि आपके बारे में जो भी व्यक्तिगत जानकारियां सार्वजनिक है, उन्हें इंटरनेट से हटा दिया जाए। इस अधिकार को यूरोपीय संघ में तो मान्यता मिली हुई है, हालांकि वह भी इसे पूरी तरह से इसे लागू नहीं किया गया है पर भारत के लिए यह बिल्कुल एक नई कानूनी प्रक्रिया है जिसकी चर्चा इन दिनों जोरों-शोरों से हो रही है।
बिग बॉस (Bigg Boss 2 Winner) के विनर रह चुके जिला गाजियाबाद फेम एक्टर आशुतोष कौशिक (Ashutosh Kaushik) ने एक अर्जी लिख कोर्ट से इस अधिकार की मांग की है। इस अर्जी में उन्होंने लिखा कि- पुराने आर्टिकल्स की वजह से उन्हें गहरा दुख और मनोविज्ञान एक पीड़ा हुई है। वह चाहते हैं कि भारत सरकार प्रेस काउंसलिंग ऑफ इंडिया गूगल को यह आदेश दे कि वह विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उनकी जिंदगी से जुड़े इस मुद्दे के कंटेंट को हटा दें।
क्या बुलाना चाहते हैं आशुतोष कौशिक
आशुतोष कौशिक को काफी पहले शराब पीकर ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया था। इस दौरान कोर्ट ने उन पर 2500 रूपये का जुर्माना लगाया था और साथ ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। अदालत ने उन्हें इस दौरान सारे दिन कोर्ट में ही रहने का आदेश भी दिया था। यह घटना उन दिनों काफी बड़ी हैडलाइन बनी थी, जिसकी सुर्खियां तस्वीरें वीडियो आज भी इंटरनेट पर वायरल होते हैं।
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