मुख्य बातें
- 28 दिसंबर को कांग्रेस का 136 वां स्थापना दिवस
- स्थापना दिवस के पहले राहुल गांधी विदेश रवाना
- बीजेपी राहुल गांधी पर हमलावर
- प्रियंका गांधी ने किसानों को लेकर केंद्र सरकार पर बोला हमला
28 दिसंबर को भारत की सबसे पुरानी पार्टी यानी कि कांग्रेस पार्टी की 136 वां स्थापना दिवस था। इस मौके पर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी कॉंग्रेस मुख्यालय में मौजूद नहीं थे। कॉंग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह अपनी नानी का हाल जानने के लिए भारत से बाहर गए हैं. इसको लेकर BJP ने राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। हालांकि, यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब राहुल गांधी विदेश गये हों और BJP ने उनपर निशाना ना साधा हों।
सोमवार को कांग्रेस का 136 वां स्थापना दिवस समारोह था। राहुल गांधी पर बीजेपी ने जमकर हमला बोला ऐसे में कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगे आई और राहुल गांधी पर हो रहे चौतरफा जुबानी हमले को लेकर उन्होंने मोर्चा संभाला और पार्टी के लिए संकटमोचक की भूमिका में आ खड़ी हुई। प्रियंका ने ना केवल कांग्रेस के 136 वां स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया बल्कि किसानों के मुद्दे पर मीडिया को सवालों का जवाब भी दिया।
प्रियंका वाड्रा ने कहा
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ”सरकार को किसानों की आवाज़ सुननी चाहिए। ये कहना कि ये राजनीतिक साजिश है ये एकदम गलत है। जिस तरह के लफ़्ज ये किसानों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ये पाप है। किसानों से बात करनी चाहिए और कानून वापस लेने चाहिए। इस कार्यक्रम के दौरान प्रियंका गांधी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत की। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि- जब प्रियंका गांधी को पार्टी मुख्यालय के मुख्य बरामदे में ले जाया गया तो, उन्होंने सभी को आश्चर्य चकित कर दिया और सेवा दल की महिला कार्यकर्ताओं से बात की और सेल्फी भी ली।
इस दौरान वहां मौजूद एक कार्यकर्ता ने कहा ‘कार्यक्रम के बाद जब प्रियंका गांधी जा रही थी तब महाराष्ट्र के एक नेता ने कुछ चर्चा के लिए उनसे संपर्क किया प्रियंका गांधी ने उसकी बात सुनी और बाद में विस्तार से चर्चा के लिए मिलने को कहा। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक अन्य AICC सचिव से संपर्क किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी की गैरमौजूदगी से निराश पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच प्रियंका गांधी का तौर तरीका चर्चा का विषय बन गया है।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में सियासी संकट को उबारने में प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी। आपको बता दें कि सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया था। सचिन पायलट के साथ 21 विधायक गुड़गांव के होटल में शिफ्ट हो गए थे। उन दोनों के बीच विवाद काफी लंबी चली थी। बाद में प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप से राजस्थान का मामला सुलझ गया। इस मामले में प्रियंका गांधी ने व्यक्तिगत स्तर पर सचिन पायलट से संपर्क किया उन्होंने असंतुष्ट नेताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच जमी बर्फ को तोड़ने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद ही राजस्थान का सियासी संकट टला।
- लाइमलाइट से कोसो दूर रहती हैअक्षय कुमार की बहन, खुद से 15 साल बड़े बॉयफ्रेंड से रचाई है शादी - August 1, 2022
- महाभारत के कृष्ण नितीश भारद्वाजअब दिखने लगे हैं ऐसे, अब इन्हे पहचान पाना है काफी मुश्किल - August 1, 2022
- क्राइम पेट्रोल होस्ट अनूप सोनी ने राज बब्बर की बेटी के लिए पहले बीबी को दिया था धोखा, रंगे हाथ गए थे पकड़े - August 1, 2022