10 Year Samer Fight With Jackal: परिवार हर इंसान की सबसे बड़ी ताकत होता है… यही वजह है कि जब कोई बात परिवार की जान पर आ जाती है, तो इंसान अपनी जान की परवाह किए बिना खुद से 10 गुना ताकतवर जानवर से भी बढ़ जाता है। यह वाक्या लखनऊ के मलिहाबाद का है, जहां 10 साल का समीर अपने 7 साल के भाई आर्यन को बचाने के लिए सियार से भिड़ गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सियार ने समीर के छोटे भाई आर्यन के चेहरे और गर्दन को निशाना बनाया था, लेकिन समीर ने अपनी बहादुरी से अपने भाई को न सिर्फ बचाया, बल्कि सियार को वहां से भगा भी दिया। समीर के साहस को देखते हुए सोमवार को थाना रहीमाबाद पर राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद की ओर से उसे सम्मानित किया गया है।
सियार के जबड़े से निकाल लाया भाई की जिन्दगी
यह पूरा मामला लखनऊ के मलिहाबाद थाना क्षेत्र के बेलवा गांव का है, जहां रहने वाले राजेंद्र प्रसाद के दो बच्चे गांव के ही प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हैं। बड़ा बेटा समीर 10 साल का है और छोटा बेटा आर्यन 7 साल का है। 23 नवंबर गुरुवार की सुबह दोनों बच्चे घर से स्कूल जाने के लिए निकले थे कि इसी दौरान उनका सामना अचानक एक सियार से हो गया। तभी सियार ने आर्यन पर हमला बोल दिया। सियार ने उसे दबोच लिया और उसके चेहरे पर वार करना शुरू कर दिया। यह सब देखते हुए पास में खड़ा 10 साल का समीर घबराया नहीं और उसने एक डंडे से सियार को मारना शुरू कर दिया। इस दौरानवह तब तक सियार से लड़ता रहा जब तक सियार ने उसके भाई आर्यन को छोड़ नहीं दिया।
बहादुरी और अदम्य साहस के लिये समीर को किया सम्मानित
समीर के इस बहादुर कारनामे के चलते राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने उसे सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को रहीमाबाद में रहने वाले इस बच्चे ने बिना अपनी जान की परवाह किए हुए भाई की जान बचाने के लिए सियार से लड़ाई की। इतना ही नहीं भाई की जान बचाने के साथ-साथ उसने सियार को वहां से भागने पर भी मजबूर कर दिया। समीर के अदम्य साहस और उसकी निर्भीकता के लिए उसे बहादुर बच्चे के तौर पर चुना गया है।इस कड़ी में उन्होंने 26 दिसंबर सोमवार को रहीमाबाद में अपनी टीम के साथ जाकर थाना प्रभारी अख्तियार अहमद अंसारी द्वारा 2100 रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर समीर को प्रोत्साहित किया।