बापू, IAS बन गया हूं… खेत में काम कर रहे थे पिता तभी बेटे का आया फोन, जानिए UPSC टॉपर अखिल की कहानी

UPSC Success Story: हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में लोग आईएएस ऑफिसर बनना चाहते हैं लेकिन बहुत कम लोग यूपीएससी की परीक्षा पास करते हैं। यूपीएससी की परीक्षा देसी नई बल्कि पूरी दुनिया में सबसे टॉप परीक्षा मानी जाती है और इस परीक्षा को पास करना इतना आसान नहीं होता है।

इस साल भी कई होनहार बच्चों ने यूपीएससी की परीक्षा पास किया है और इस परीक्षा को पास करके अपने परिवार का मान बढ़ाया ह।तेलंगाना का एक किसान का बेटा आईयूपीएसी की परीक्षा पास करके अपने पिता का मान बढ़ाया है।

तेलंगाना के बुद्धि अखिल ने यूपीएससी की परीक्षा में 321वीं स्थान हासिल किया है और इस परीक्षा को पास करके अपने परिवार का मान बढ़ाया है। अखिल के पिता खेत में काम कर रहे थे तभी उन्होंने फोन करके अपने पिता को बताया कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस ऑफिसर बन चुके हैं।

तेलंगाना टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में अखिल को 566वीं रैंक मिली थी। इसके बाद उनकी नियुक्ति दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर हुई। हालांकि, अखिल का मकसद था- आईएएस बनना। उन्होंने तय किया कि वो एक बार फिर से कोशिश करेंगे। अखिल ने इसके लिए अपने विभाग से एक साल की छुट्टी ले ली।

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ट्रेनिंग के बीच ही निकाला इंटरव्यू की तैयारी का समय(UPSC Success Story)

लेकिन, बुद्धि अखिल के हिस्से में अभी और इंतजार लिखा था। 2022 का यूपीएससी रिजल्ट आया, तो अखिल बहुत मामूली अंतर से मेरिट लिस्ट में जगह बनाने से चूक गए। दूसरी तरफ, उन्हें दिल्ली पुलिस में अपनी ट्रेनिंग भी ज्वॉइन करनी थी। इसके बावजूद, अखिल ने हार नहीं मानी और एक बार फिर से परीक्षा की तैयारी में जुट गए। एसीपी की ट्रेनिंग से जो भी वक्त बचता, अखिल उसी में इंटरव्यू की तैयारी करने बैठ जाते। अखिल की मेहनत रंग लाई। 16 अप्रैल को जब यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ, तो उनकी रैंक पिछले बार से कहीं ज्यादा बेहतर थी।

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बिना कोचिंग के बने आईएएस अधिकारी

अखिल बताते हैं कि आईएएस बनना उनका सपना था और आज ये पूरा हो गया। साल 2018 में वारंगल के काकतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद ही अखिल यूपीएससी की तैयारी में जुट गए थे। उनकी ये सफलता इसलिए भी खास है, क्योंकि अखिल ने बिना किसी कोचिंग के इतनी बड़ी रैंक हासिल की है। कोंडापाका में घर पर रहकर ही उन्होंने ऑनलाइन मौजूद कंटेंट से अपने नोट्स तैयार किए।.

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