टला हादसा! ‘कवच’ ने ट्रेन को 380 मीटर पहले ही रोक, रेलमंत्री भी थे सवार, Viral हुआ Video

भारतीय रेलवे (Indian Railway) में आज का दिन सुरक्षा के लिहाज से हमेशा याद किया जाता रहेगा। दरअसल आज सुबह दो ट्रेनों के बीच जबरदस्त भिड़ंत को कवच (Kavach) ने रोक दिया और सामने से आ रही ट्रेन से भिड़ंत से 380 मीटर पहले ही उसे रोक दिया। बता दे इस ट्रेन में खुद रेल मंत्री भी सवार थे। तेलंगाना के सिकंदराबाद में ट्रेनों के बीच कवच का परीक्षण सफल Kavach Testing Successful) रहा। इस दौरान एक ट्रेन के इंजन पर रेल मंत्री वैष्णव सवार (Railway Minister Aswani Vaishnav) थे, तो सामने से आ रही दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व अन्य अधिकारी मौजूद थे। यह परीक्षण संतनगर शंकरपल्ली खंड पर किया गया।

Kavach testing successful

सफल रहा कवच का परीक्षण

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस रेल परीक्षण का एक मिनट का वीडियो अपने ट्विटर पर शेयर किया है। इसमें इंजन के कैबिनेट पर रेल मंत्री अन्य अधिकारियों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए रेल मंत्री ने कैप्शन में लिखा- रियर एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है। कवच ने अन्य लोको से 380 मीटर पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया।

बता दे कवच एक ऐसी स्वदेशी तकनीक है, जिसका इस्तेमाल दो ट्रेनों में होने वाली टक्कर को रोकना है। यह दुनिया की सबसे सस्ती रेल सुरक्षा तकनीक है, जो ट्रेन एक्सीडेंट के लक्ष्य को कम करने के तहत विकसित की गई है।

Kavach testing successful

क्या है कवच और कैसे करता है यह

  • बता दे कवच आज एक स्वदेशी विकसित संचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, जो दो ट्रेनों में होने वाली टक्कर से बचाव के लिए ट्रेन को स्वत: रोकने के लिए बनाया गया है।
  • यह डिजिटल सिस्टम को रेड सिगनल या फिर किसी अन्य खराबी जैसी कोई मैनुअल गलती भी दिखाता है, जिसके बाद इसकी इस तकनीक के माध्यम से संबंधित मार्ग से गुजरने वाली ट्रेन अपने आप रुक जाती है।
  • खास बात यह है कि यह दूसरे देशों की तुलना में सबसे कम लागत में बनाया गया। कवच जैसी तकनीक को दुनिया भर में बनाने में करीबन 2 करोड रुपए का खर्चा आता है, लेकिन भारत में कवच तकनीक को लागू करने के बाद इसके संचालन में 50 लाख रुपए रुपए प्रति किलो मीटर का खर्च आएगा।
  • बता दे इस तकनीक से जब ऐसे सिग्नल से ट्रेन गुजरेगी जहां से उसे गुजरने की परमिशन नहीं है, तो इसके जरिए वह खुद खतरे वाला सिग्नल देगी।
  • लोको पायलट अगर ट्रेन को रोकने में कामयाब नहीं होता तो कवच तकनीक के जरिए इसे अपने आप ब्रेक लगाकर रोक देगा और ट्रेन हादसे से बच जाएगी।
Kavita Tiwari