जब से अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तारी हुई है तब से राकांपा प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक एनसीबी मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े पर धर्म परिवर्तन करने और आईआरएस की नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र देने का आरोप लगाते आए हैं। अब इन आरोपों के बीच समीर वानखेडे ने सोमवार को दिल्ली पहुंच कर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष अपना जाति प्रमाण पत्र पेश किया और अन्य संबंधित दस्तावेज के साथ इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी । जानकारी के अनुसार वानखेड़े ने अपनी पहली शादी के तलाक के कागजात सहित जन्म प्रमाण पत्र भी जमा किया है।
आयोग करेगा सभी दस्तावेजों की जांच
इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ ने बताया कि समीर वानखेडे ने आयोग के समक्ष अपने सभी दस्तावेज पेश किए हैं तथा अपनी बात भी रखी है । अब आयोग उनके सभी दस्तावेजों की जांच करेगा और आदेश सुनाने से पहले उनके बयान पर भी विचार करेगा ।
25 अक्टूबर को नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर लगाए थे आरोप
आपको बता दें कि 25 अक्टूबर को राकांपा प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेडे के खिलाफ सोशल मीडिया पर उनका जन्म प्रमाण पत्र शेयर करते हुए उन्हें मुस्लिम बताया और दावा किया कि उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी बनने के लिए अपने पिता का नाम बदल दिया है जिससे लोक सेवा संघ परीक्षा में बैठने वाले एक वास्तविक दलित उम्मीदवार के साथ गलत हुआ।
मालूम हो कि इस मामले में वानखेड़े की पत्नी और पिता ने रविवार को केंद्रीय सामाजिक, न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले से भी मुलाकात की और उनसे सहयोग मांगा । अठावले ने उन्हें अपनी पार्टी आरटीआई की तरफ से समर्थन का आश्वासन दिया है ।
एनसीएससी उपाध्यक्ष अरुण हालदार ने की वानखेड़े के परिवार से मुलाकात
दूसरी और एनसीएससी उपाध्यक्ष अरुण हालदार ने रविवार को मुंबई में वानखेड़े परिवार से मुलाकात की और समीर वानखेडे के पक्ष में बोलते हुए कहा कि समीर वानखेडे द्वारा उन्हें दिखाए गए सारे कागजात सही लग रहे हैं। वानखेड़े की पहली शादी मुस्लिम से हुई थी लेकिन उसका पंजीकरण स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुआ था जिसमें अंतरधार्मिक विवाह मान है । साथ ही उनकी मां जिनका देहांत हो चुका है वह भी एक मुस्लिम थी ।
अरुण हालदार ने आगे कहा की जाति प्रमाण पत्र पिता के रक्त से संबंधित है और चुकी उनके पिता महार समाज से हैं इसलिए समीर को भी अनुसूचित जाति का ही प्रमाण पत्र मिला है । उन्होंने कहा कि समीर निडर होकर अपना काम कर रहे हैं लेकिन उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है । मालूम हो कि हालदार दे यह भी कहा कि अगर आयोग के सामने समीर वानखेडे का अनुसूचित जाति से होना प्रमाणित हो जाता है तो जो व्यक्ति उन पर गलत दबाव डाल रहा है उस पर अनुसूचित जाति आयोग की धारा 338 के तहत कार्यवाही की जाएगी और उसे माफ नहीं किया जाएगा । आयोग ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार से 10 दिन में जवाब देने को कहा था ।
फर्जीवाड़े के खिलाफ है लड़ाई
उधर बात करें नवाब मलिक की तो उनका कहना है कि समीर वानखेड़े पर लगाए गए आरोप सत्य है लेकिन उनकी किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है । नवाब अली के अनुसार यह लड़ाई सिर्फ उस फर्जीवाड़े के खिलाफ है जो समाज की ओर से चलाया जा रहा है ।
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