Video: बछड़ा नहीं ‘बेटा’! मालिक की मौत पर दौड़कर श्मशान पहुंचा बछड़ा, जोर-जोर से लगा रोने, लगाई परिक्रमा

Today Viral Video: प्यार का कोई दायरा नहीं होता…इसकी परिभाषा जुबान वाले भी समझते हैं और बेजुबान भी। इंसानों के प्यार की तो कई कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जानवर की प्रेम कहानी बताने वाले हैं, जिसने अपने निसंतान  मालिक के निधन के बाद बेटे की तरह उनकी अर्थी के चक्कर लगाए। इतना ही नहीं इस दौरान वह रोता हुआ भी दिखाई दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस वीडियो को देखने वाला हर कोई भावुक अंदाज में उनके रिश्ते को बयां करता दिखाई दे रहा है।

भावुक कर देने वाली है मालिक और बछड़े की यह तस्वीर

इंसान और जानवर के बीच के रिश्ते को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है, क्योंकि जब भी कोई इंसान किसी जानवर से अटूट प्रेम करता है, तो वह उसका पालन पोषण दिल से करता है। वहीं जानवर भी इंसान के साथ दिल से जुड़ जाता है। आज हम हम बात कर रहे हैं झारखंड के हजारीबाग के चौपारण प्रखंड के चैती गांव के एक बछड़े और उसके मालिक की, जहां मालिक के निधन के बाद बछड़े को लाख रोकने की कोशिश की गई लेकिन इसके बावजूद भी वह अपने मालिक के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए श्मशान घाट पहुंच गया।

इतना ही नहीं उसने श्मशान घाट पर मालिक की अर्थी के चक्कर भी लगाए। यह दृश्य ऐसा लग रहा था मानो जैसे वह परिक्रमा कर रहा हो। मालिक और बछड़े की प्रेम कहानी और उनके दिल मोह लेने वाले इस रिश्ते का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि बछड़े का मालिक 80 साल का था और उनका नाम मेवालाल ठाकुर था। मेवा लाल ठाकुर की कोई संतान नहीं थी, ऐसे में निसंतान मालिक का बेटा बनकर श्मशान घाट ना सिर्फ वह बछड़ा पहुंचा, बल्कि जोर-जोर से चिल्लाकर रोने लगा और इस दौरान उसकी आंखें भी भरी हुई थी।

3 महीने पहले बेच दिया था बछड़ा

जानकारी के मुताबिक जब मालिक का निधन हुआ तब बछड़ा वहां पर नहीं था। कुछ महीने पहले ही गाय ने बछड़े को जन्म दिया था। पहले तो मालिक ने गाय और बछड़े दोनों की बहुत सेवा की, लेकिन कुछ महीने पहले ही उन्होंने दूसरे गांव में एक किसान को उसे बेच दिया था। वहीं मालिक के निधन के बाद जब वह शमशान घाट पहुंचा, तो वह वहां तब तक खड़ा रहा, जब तक मालिक का पूरा शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया।

बछड़े ने किया मालिक का अंतिम संस्कार

मौत के बाद जब दाह संस्कार के लिए मालिक के शव को ले जाया जाने लगा, तब वह अचानक से वहां पहुंच गया। इस दौरान उसकी आंखों में आंसू भरे हुए थे। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखों में भी आंसू आ गए। बछड़े को लोगों ने निसंतान मृतक किसान का पुत्र बताकर दाह संस्कार में शामिल कराया।

Kavita Tiwari