laptop import ban hindi: भारत सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके मद्देनजर गुरुवार को लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर, टैबलेट के इंपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। भारत सरकार के इस फैसले के बाद अब किसी यूनिट या कंपनी को भारत में लैपटॉप या कंप्यूटर लाने या सेल करने के लिए अप्लाई कर वैलेड लाइसेंस लेना होगा। सरकार की ओर से इस पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाया गया है, जिसके बाद एप्पल जैसी कंपनियां जो MacBooks और Mac mini जैसे कंप्यूटर को सेल करती है। उसे भी इन गैजेट्स के इंपोर्ट को तुरंत रोकना होगा।
ऐसे में सरकार के इस फैसले (laptop import ban hindi) का असर देश के अंदर बनने वाले लैपटॉप और टैबलेट पर कितना पड़ेगा और यह कितने महंगे हो जाएंगे… आइये इस बारें में हम आपको डिटेल में बनाते हैं। इसके साथ ही बता दे कि विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से इस नए नियम में कुछ छूट भी दी गई है, जिसके मुताबित विदेशों में आने-जाने वाले अपने निजी उपयोग के लिए लैपटॉप-टैबलेट आदि आप बाहर से ला सकते हैं। हालांकि इस दौरान इनकी संख्या को सीमित रखा गया है।
क्या महंगे हो जाएंगे अब लैपटॉप और टैबलेट?
मालूम हो कि Apple की ही तरह इस नए नियम का असर भारत में नहीं बनने वाले Lenovo, Asus, HP, Acer के साथ-साथ Samsung जैसी बाकी कंपनियों पर भी नजर आयेगा। बता दे ये कंपनियां विदेश से पर्सनल कम्प्यूटर इंपोर्ट कर भारत में इन्हें सेल कर भारी भरकम कमाई करते हैं। साथ ही बता दे कि भारत में बिकने वाले अधिकतर लैपटॉप और पर्सनल कम्प्यूटर चीन में मैन्युफैक्चर या असेंबल होते हैं। वहीं अब भारत सरकार के इस फैसले के बाद ये उम्मीद है कि इनमें से कुछ मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग प्लान्ट भारत में ही खोलें जा सकते हैं।
मालूम हो कि सरकार के इस फैसले से लग रहा है जैसे भारत स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग के मामले में अब सुधार के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसके चलते अब जापान-चीन जैसे दूसरे देशों पर स्मार्टफोन की निर्भरता खत्म हो जायेगी। बता दे भारत सरकार की ओर से महानिदेशालय द्वारा गुरुवार सुबह लैपटॉप-टैबलेट के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। सरकार की ओर से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि- HSN 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर के साथ-साथ अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात अब दूसरे देशों से पूरी तरह से ‘प्रतिबंधित’ होगा। इसके साथ ही अब उन्हें प्रतिबंधित आयात के लिए वैलिड लाइसेंस के बाद ही सेल की इजाजत मिलेगी।
परमिट के लिए आवेदन करना हुआ जरूरी (laptop import ban hindi)
इस आदेश के साथ ही ये भी कहा गया है कि अब से इन प्रतिबंधित कंपनियों को भारत में लैपटॉप लाने के लिए अलग से परमिट के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद ही उन्हें बाजार में आने की परमिशन मिलेगी। साथ ही बता दे कि मोदी सरकार के इस फैसले में बाद भारत में लैपटॉप, कंप्यूटर के साथ-साथ मैकबुक और मैक मिनी की कीमतों में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। इसके साथ ही सरकार के इस कदम से देश के अंदर लैपटॉप बनाने वाली भारतीय कंपनियों को फायदा भी मिलेगा। साथ ही सरकार के मेड इन इंडिया कॉन्सेप्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।
ये भी पढ़ें- स्मार्टफोन से भी सस्ती कीमत मे आ रहा Jio Laptop, जानिए कब होगा लॉन्च और कीमत
हालांकि अभी इसे लेकर कुछ भी कहना मुश्किल है। सरकार के इस फैसले का असर बाजार में मौजूदा समय में सेल हो रहे लैपटॉप की कीमतों पर कितना पड़ेगा ये आने वाले वक्त में ही पता चलेगा। ऐसे में ये सब मार्केट में मौजूस लैपटॉप-टैबलेट के सेल और डिमांड ग्राफ पर निर्भर करता है।
कंपनियां ऑफर्स के साथ ग्राहकों को लुभा सकती है
इसके साथ ही अगर Apple और Lenovo जैसी बड़ी कंपनियां मौजूदा मॉडल्स की कीमत कम नहीं करती हैं, तो ग्राहकों को मिलने वाले अलग-अलग ऑफर पर भी इसका असर नजर आ सकता है। साथ ही भारत में मौजूद तमाम कंपनियां भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग दायरें को भी बढ़ा सकती है। मालूम हो कि फिलहाल भारत ने केवल फिनिश्ड लैपटॉप और कम्प्यूटर पर ही बैन लगाया है. यानी इसके पार्ट्स को अभी भी कंपनिया आसानी से इंपोर्ट कर सकती हैं।
- Panchayat Sachiv Kaise Bane: बनना चाहते हैं पंचायत सचिव, तो जाने कैसे मिलती है यह नौकरी और क्या होती है सैलरी? - May 20, 2024
- हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक का लुक लुट लेगा दिल, जाने कब होगी भारत में लॉन्च? खत्म कर देगा सब का बाजार ! - February 11, 2024
- Akshara Singh के इस हरकत पर आग- बबूला हुए उनके पिता, देखते ही कर दी सरेआम पिटाई; देखें Video - February 11, 2024