Ishan Kishan: बड़े भाई के त्याग की वजह से ईशान किशन बन पाये क्रिकेटर, वरना अधूरी रह जाती इच्छा

Ishan Kishan life journey And Family: भारतीय क्रिकेट टीम के धुआंधार बल्लेबाजों में से एक ईशान किशन आज अपनी दमदार बल्लेबाजी की वजह से हर जगह छाए हुए हैं। हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच हुए वनडे सीरीज के तीसरे मैच में ईशान किशन सामने वाली टीम पर कहर बनकर ऐसा टूटे कि उन्होंने 131 गेंदों पर 210 रनों की पारी खेली। इस दौरान उन्होंने अपने बल्ले से 24 चौके और 10 छक्के लगाते हुए 160.31 का स्ट्राइक रन रेट दिया। ईशान किशन के इस कारनामे के चर्चे आज भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। ऐसे में आइए हम आपको ईशान किशन की कामयाबी की कहानी सुनाते हैं, जिसके पीछे उनके पिता और उनके भाई की अहम भूमिका रही है।

 ishan kishan

कौन है ईशान किशन और कैसे शुरु हुई इनकी कामयाबी की कहानी

ईशान किशन का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 18 जुलाई 1998 को हुआ था। ईशान के कोच उत्तम मजूमदार पहली बार उनसे साल 2005 में मिले थे, तब ईशान अपने बड़े भाई राजकिशन के साथ क्रिकेट के मैदान में नजर आते थे। उत्तम मजूमदार ने ईशान किशन के पिता प्रणब कुमार पांडे से पहली बार मिलने के बाद कहा था कि- हमेशा अपने लड़के के खेल को प्रोत्साहित करना। उत्तम मजूमदार कि जब पहली मुलाकात हुई तब ईशान के बड़े भाई का चयन करने के लिए वह वहां पहुंचे थे। उसी समय उन्होंने ईशान किशन की बल्लेबाजी भी देखी। तब वह इस बाएं हाथ के बल्लेबाज को देखते ही इनकी बल्लेबाजी के मुरीद हो गए।

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बड़े भाई की जगह हो गया छोटे ईशान का सलेक्शन

पहली नजर में ईशान किशन की बल्लेबाजी के मुरीद हुए उत्तम मजूमदार ने उनके पिता और भाई से कह दिया कि इस लड़के में अलग ही स्पार्क है। उसके मैदान में चलने और सोचने की क्षमता से काफी प्रभावित हूं। इसके बाद उन्होंने ईशान किशन के भाई राजकिशन को छोड़कर उन्हें चुनने का फैसला कर लिया।

Ishan Kishan father

पिता और भाई ने दिया साथ

ईशान इस समय 12 साल के थे। ईशान किशन के खेल के लिए उनके परिवार को पटना छोड़कर रांची में आकर रहना पड़ा, क्योंकि ईशान किशन के कोच ने शहर छोड़ने की सलाह दी थी ताकि वह उच्च स्तर पर खेलने के लिए तैयार हो सके। मां ईशान किशन के क्रिकेट खेलने के बिलकुल खिलाफ थी, लेकिन बड़े भाई ने अपने नाम की जगह ईशान किशन के नाम के चयन पर खुशी जाहिर करते हुए उनका साथ देने का फैसला कर लिया और पिता को भी इसके लिए राजी किया। इसके बाद पूरा परिवार ईशान के लिए रांची शिफ्ट हो गया।

Ishan Kishan

जब ईशान किशन को धोने पड़े बर्तन

ईशान किशन का चयन रांची में जिला स्तर पर खेलने के लिए हुआ तो उन्होंने एक क्वार्टर लेकर वहां रहना शुरू कर दिया। ईशान किशन इस कमरे में 4 सीनियर खिलाड़ियों के साथ रहते थे। उन्हें खाना बनाना नहीं आता था। इसलिए बर्तन धोने का काम ईशान के जिम्मे था। 2 साल तक वैसे ही रहते रहे और इसी तरह उनका खेल भी चलता रहा। बाद में बेटे के लिए मां भी रांची में एक किराए के फ्लैट पर साथ रहने लगी।

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Ishan Kishan

15 साल की उम्र में खेला रणजी मैच

ईशान किशन का चयन 15 साल की उम्र में ही झारखंड रणजी टीम के लिए हो गया था। इसके बाद अंडर-19 वर्ल्ड कप 2016 में भी उन्होंने टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद वह इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम की ओर से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पहला t20 मैच खेलते नजर आए, हालांकि इस दौरान खेले गए अपने 9 मैचों में उन्होंने कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिखाया, लेकिन अपने दसवें मैच में उन्होंने ऐसा इतिहास रचा की चयनकर्ता भी उन्हें देखकर शौक हो गए।

तब से शुरू हुई ईशान किशन के बल्ले की पारी आज भी बरकरार है। साल 2023 विश्व कप में भी ईशान किशन के बल्ले का जादू देखने को मिल सकता है, इस बात की उम्मीद है।

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