JioSpace Fiber के ऐलान के बाद एलन मस्क के स्टारलिंक की छुट्टी, जानें कैसे करता है काम

Written by: Manish Kumar | biharivoice.com • 28 अक्टूबर 2023, 11:49 पूर्वाह्न

JioSpace Fiber: जिओ स्पेस फाइबर एक सैटेलाइट बेस्ट गीगा फाइबर टेक्नोलॉजी है, जिसके जरिए सेटेलाइट से सीधे इंटरनेट कनेक्टिविटी जोड़ी जाएगी।

JioSpace Fiber: एलन मस्क के स्टरलिंक के भारत में एंट्री से पहले जिओ ने एक बड़ा दाव चल दिया है। दरअसल जिओ ने सेटेलाइट से इंटरनेट पहुंचाने के लिए जियोस्पेस फाइबर को लॉंच किया है। हालांकि सेटेलाइट से इंटरनेट पहुंचाने में एलन मस्क की कंपनी स्टार लिंक सबसे आगे है। जल्द ही भारत सरकार की तरफ से एलन मस्क की कंपनी स्टरलिंक को भी मंजूरी मिल सकती है। लेकिन इससे पहले जिओ ने बड़ा दाव चलते हुए जिओ स्पेस फाइबर सर्विस को लांच कर दिया है। इसके लिए जियो ने SES से साझेदारी की है। ऐसे में एलन मस्क की सेटेलाइट बेस्ट स्टारलिंक सर्विस को काफी चुनौती मिल सकती है, क्योंकि जिओ स्पेस फाइबर की कीमत स्टरलिंक के मुकाबले कम रहेगी।

क्या है जिओ स्पेस फाइबर (What Is JioSpace Fiber)

जिओ स्पेस फाइबर एक सैटेलाइट बेस्ट गीगा फाइबर टेक्नोलॉजी है, जिसके जरिए सेटेलाइट से सीधे इंटरनेट कनेक्टिविटी जोड़ी जाएगी। इसके लिए किसी भी टावर की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीधे सेटेलाइट से इंटरनेट का एक्सेस मिलेगा। इस दौरान लेटेंसी करीब 120 ms की रह सकती है, मतलब सेटेलाइट से इंटरनेट पहुंचने में बेहद कम समय लगेगा। इस टेक्नोलॉजी में एक GBPS की डाउनलोडिंग  स्पीड मिलेगी वहीं अपलोडिंग स्पीड 450 एमबीपीएस की होगी।

कैसे कम करता है जिओ स्पेस फाइबर (How To Work Jiospace Fibre)

जिओ स्पेस फाइबर का सबसे ज्यादा फायदा गांव या दूरराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को होगा, जहां ऑप्टिकल फाइबर यानी की  फाइबर तार से इंटरनेट नहीं पहुंच सका है। ऐसे इलाकों के लिए ‘जियो स्पेस फाइबर’ एक बेहतरीन सर्विस साबित हो सकती है। हालांकि इसकी कीमत क्या रहेगी इसका अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इसमें सेटेलाइट की मदद से इंटरनेट को एक रिसीवर तक पहुंचाया जाएगा। रिसीवर को किसी मूविंग कार, घर या कारखाने में रखकर इंटरनेट एक्सेस किया जा सकेगा।

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जिओ का ऐसा दावा है कि यह सर्विस पूरे देश में काफी किफ़ायती कीमत पर उपलब्ध होगी। इस सर्विस को 27 से 29 अक्टूबर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे मोबाइल कांग्रेस के पेश किया गया। भारत के सबसे दूरस्थ चार स्थान जिओ के स्पेस फाइबर से फिलहाल जुड़ चुके हैं, जिसमें गुजरात का गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ का कोरबा, उड़ीसा का नवरंगपुर और असम का ओएनजीसी जोरहाट शामिल है।

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Manish Kumar

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