Car Bike Scrap Policy in India : 1 अप्रैल से देश में नई स्क्रैप पॉलिसी लागू होने वाली है और इस स्क्रैप पॉलिसी को लेकर वाहन चालकों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या 10-15 साल पुरानी गाड़ियों को चलाया जा सकता है और दूसरा सवाल यह उठ रहा है कि क्या गाड़ी बाइक और कार आदि के लिए यह पॉलिसी अलग-अलग होगी. अगर आपके भी मन में स्क्रैप पॉलिसी को लेकर अलग-अलग सवाल उठ रहा है तो इस आर्टिकल में हम आपके सभी सवालों के जवाब देंगे.
आपको बता दे जब भी कोई आदमी नया गाड़ी खरीदता है तो परिवहन विभाग के तरफ से उसे गाड़ी चलाने के लिए 15 साल का लाइसेंस दिया जाता है. 15 साल के बाद भी वह आदमी 5 साल तक और गाड़ी चला सकता है लेकिन गाड़ी की कंडीशन ठीक होनी चाहिए और साथ ही उसे फिटनेस का सर्टिफिकेट मिला होना चाहिए.
क्या 15 साल पुरानी गाड़ी सड़क पर चल सकती है(Car Bike Scrap Policy in India)
नई स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत 15 साल सड़क पर चली गाड़ी को 5 साल और चलनेाके लिए री रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अब आपको 5 साल और गाड़ी चलाने के लिए ऑटोमेटिक व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ ऑफिस में जमा करना होगा. मान लीजिए आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी है तो अगले 5 साल और चलाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर री रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा.
केवल दो बार मिलेगा फिटनेस सर्टिफिकेट पाने का मौका
अब 1 जून 2024 से सभी नियम बदल जाएगा. अब नहीं स्क्रैप पॉलिसी लागू की जाएगी जिसके अंतर्गत सभी को अपने गाड़ी के फिटनेस का ध्यान रखना होगा. गाड़ी के फिटनेस का ध्यान नहीं रखने पर आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
री-रजिस्ट्रेशन से पहले आपको मान्यता प्राप्त एटीएस से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ में जमा कराना होगा और फिर आरटीओ 5 साल के लिए लाइसेंस जारी करेगी. इसके लिए गाड़ी को एटीएस सेंटर पर लेकर जाना होगा और फिर मैकनिकल इक्यूपमेंट के साथ फिटनेस सर्टिफिकेट बनेगा. एटीएस सेंटर पर आपके गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने का मौका सिर्फ दो ही बार मिलेगा.
फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी
मान लीजिए, अगर आप पहली बार अपनी गाड़ी एटीएस सेंटर में लेकर गए और किसी कारण से आपकी गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बन पाया तो आपको एक और मौका मिलेगा. दूसरी बार भी आपकी गाड़ी में दिक्कत आ गई और आपके गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बन पाया तो फिर आपको अपनी गाड़ी स्क्रैप में देने का अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
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अगर दूसरी बार में फिटनेस सर्टिफिकेट मिल जाता है तो आप उसे आप आरटीओ में जमा कर री-रजिस्टर करा सकते हैं. लेकिन, री-रजिस्टर होने के बाद सिर्फ 5 साल तक ही आपकी गाड़ी सड़क पर चल सकती है.
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