पटना का यह श्मशान घाट होगा मॉडर्न, गैस से भी जलाए जा सकेंगे शव

बिहार (Bihar) के पटना (Patna) में खाजेकलां घाट (Khajekalan crematorium) का निर्माण कार्य (Modern Cremation) तेजी से चल रहा है। बता दें इस घाट का निर्माण कार्य इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की अनुषंगी कंपनी इंडियन ऑयल फाउंडेशन द्वारा कराया जा रहा है। 30 करोड़ की लागत से बन रहे इस घाट पर अत्याधुनिक श्मशान घाट, स्नान घाट, शौचालय, चेंजिंग रूम और पक्की सीढ़ियों का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण कार्य की रफ्तार को देखते हुए इसके पूरा होने की समय सीमा मार्च 2023 निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि इस घाट पर गैस के माध्यम से शव को जलाने की व्यवस्था (Burning the dead body through gas) की जाएगी।

Patna Modern Cremation

अत्याधुनिक होगा खाजेकलां श्मशान घाट

वहीं इस घाट से जुड़ी जानकारी को बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पटना साहिब विधायक नंदकिशोर यादव ने बताया कि खाजेकलां घाट पर स्नान घाट को लेकर 66 मीटर की सीढ़ियों का निर्माण भी कराया जा रहा है। साथ ही श्मशान घाट को लेकर 33 मीटर तक की सीढ़ियों का निर्माण कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विद्युत शवदाह गृह में गैस के माध्यम से शव को जलाने की व्यवस्था होगी। साथ ही घाट पर शौचालय और चेंजिंग रूम का भी निर्माण किया जाएगा। बता दें बहू प्रशिक्षित इस योजना के एक बार फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। इस योजना को लेकर स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।

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मालूम हो कि इस जगह पर बरसात के दिनों में लोगों को शव जलाने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। मालूम हो कि पटना शहरी क्षेत्र में सिर्फ 3 घाट है, जिनमें गुलाबी घाट, खाजेकलां श्मशान घाट और बांस घाट मौजूद है। शव जलाने के समय यहां लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में अत्याधुनिक सुविधा से लैस इस घाट का निर्माण होने से अब लोगों को इस परेशानी से निजात मिलेगी।

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बता दे बीते 4 साल से पूर्व इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन अनुषंगी कंपनी इंडियन ऑयल फाउंडेशन द्वारा खाजेकलां घाट निर्माण का टेंडर जारी कर दिया गया था, लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा इस काम को लेकर लापरवाही बरती जा रही थी, जिसके चलते एजेंसी द्वारा समय के अंदर यह काम पूरा नहीं हो सका, जिसके बाद टेंडर को रद्द कर दिया गया था। वही जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा तो 2 सालों तक इसका निर्माण कार्य ठप रहा और बाद में इंडियन ऑयल फाउंडेशन द्वारा रामा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने इसके टेंडर का कार्यभार संभाला है।

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