इसे कहते हैं देशभक्ति ! बिहार में बना है एक ऐसा मंदिर, जहां भगवान नहीं शहीदों की होती है पूजा

Martyrs Temple In Begusarai : पूरा देश इस समय 76वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ है। ऐसे में जहां एक ओर हर किसी पर स्वतंत्रता दिवस की देशभक्ति का खुमार चढ़ा हुआ है, तो वहीं क्या आप जानते हैं कि बिहार में एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है, जहां पर भगवान के बजाएं अमर शहीदों की पूजा अर्चना की जाती है। इस मंदिर को शहीद स्मारक के तौर पर जाना जाता है। इस मंदिर में शहीदों की पूजा पूरे हिंदी-रीति रिवाज के साथ की जाती है। वहीं यहां से गुजरने वाले लोग यहां सर झुका कर नमन भी करते है। आइये हम आपको बिहार के बेगूसराय जिले में बसे इस खूबसूरत और ऐतिहासिक मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं।

इस मंदिर में अमर शहीदों की होती है पूजा-अर्चना (Martyrs Temple)

बिहार के बेगूसराय में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर भगवान नहीं बल्कि अमर शहीद जवान पूजे जाते हैं। यहां हर रोज शहीदों की प्रतिमा को स्नान कराया जाता है। हर दिन पूरे परिसर की साफ सफाई की जाती है। इसके बाद यहां पर धूप दीप जलाकर जवानों की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया जाता है। साथ ही यहां पर शहीद अमर जवानों के नाम के नारे भी लगते हैं। 23 सालों से चली आ रही यह परंपरा लोगों को गौरवान्वित करती है।

Martyrs Temple In Begusarai

किसने बनाया था अमर शहीदों का यह मंदिर?

बता दे बेगूसराय के सदर जिला में यह मंदिर यही रहने वाले सुखराम महतो ने साल 2001 में बनवाया था। यहां पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामचंद्र सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल सहित 15 शहीद जवानों की प्रतिमाएं लगी हुई है, जिन्होंने देश की आजादी में अपना हर क्षण समर्पित किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां हर दिन पूजा अर्चना के लिए लोगों की भारी भीड़ आती है। इतना ही नहीं इस मंदिर में इन शहीद जवानों के जन्मदिवस पर खास कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

शहीद जवानों से मन्नतें मांगने भी पहुंचते हैं लोग

बता दे इस शहीद स्मारक मंदिर में सिर्फ मंदिर की तरह पूजा-अर्चना ही नहीं होती, बल्कि लोग यहां पर मन्नत मांगने भी पहुंचते हैं। स्थानीय सुखाराम महतो ने इस मंदिर का निर्माण साल 2001 में करवाया था, तब से अब तक इसका रखरखाव सुचारू रूप से किया जाता है। साथ ही मंदिर के नजदीक एक तालाब भी बना है, जहां मछली पालन होता है। इस तालाब से होने वाली कमाई से मंदिर का रखरखाव किया जाता है।

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