आखिर सदन मे तेजस्वी यादव ने क्यों कहा कि मैं दो-दो मुख्यमंत्रियों का बेटा हूँ!

सदन में शिक्षा के बजट पर हो रही चर्चा में विपक्ष के अग्रणी नेता तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर जोरदार तंज करते हुए गौरव भरे शब्दो में अपनी जिंदगी के सौभाग्य का वर्णन किया। राजनीति में जितना जुबानी जंग होता है शायद कोर्ट के अंदर बहसबाजी के बीच वकीलों में भी उतना न होता हो। राजनीती एक खुल्लमखुल्ला मैदान हो गया है जहाँ रह रहकर जुबानी तीर चलाये जाते हैं। अपने प्रतिद्वंदी को नीचा दिखाने से लेकर जनता में उनकी छवि बिगाड़ने के लिये कोई भी नेता एक मौका नहीं चूकते और कई बार नेताओं के बयानबाजी अखबारों की सुर्खियां होती हैं।

जब सदन में कार्यवाही भी हो रही हो तो ज्यादा समय प्रतिद्वंदी को घेरने, उनके काम में बाधा उत्पन्न करने और हो- हल्ला में ही गुजर जाता है। ऐसे कई मौके देखने को मिले हैं जब सदन की कोई महत्वपूर्ण चर्चा हो हल्ला और विरोध के भेंट चढ़ गया हो। कई बार सदन में वे घटनाएं भी हुई जो लोकतंत्र के गरिमा के प्रतिकूल रहा और तब राजनीति ने अपना काला पक्ष दिखा दिया।

आज सदन में शिक्षा विभाग बजट पर हो रही चर्चा में सत्ता पक्ष की ओर से शालिनी मिश्र ने राजद परिवार की घेराबंदी करते हुए कह दिया कि जब लालू यादव बिहार में चरवाहा विद्यालय खोल रहे थे तब तेजस्वी दिल्ली के आरके पुरम के एक बड़े प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। फिर भी वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाये। फिर एक के बाद एक सत्तापक्ष के कई नेताओं ने इस बात जे सन्दर्भ को दोहराया।

इसलिए ऐसा कहा

सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे तेजस्वी यादव को यह इतना नागवार गुजरा कि उन्होने गर्व से कहा कि वे दो दो सीएम के पुत्र हैं, शायद ही यह नसीब किसी और को मिला हो। सत्ता पक्ष के आरोप का जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा कि हमारी सात बहने और एक बड़े भाई हैं, सबने सरकाऱी स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की। तेजस्वी ने कहा कि वे फर्स्ट क्लास क्रिकेटर हैं और क्रिकेट खेलने के चलते वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाए।

whatsapp channel

google news

 

तेजस्वी ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लालू -राबड़ी के शासनकाल को जंगलराज कहते थे, फिर भी फर्जी डिग्री नहीं लिया। इस बात पर भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने विरोध जाताते हुए कार्यवाही से पीएम का नाम हटाने का अनुरोध किया जिसे तत्काल ही कार्यवाही से हटा दिया गया।

Share on