Diwali 2023: दीपावली हिंदू का एक बहुत बड़ा त्यौहार है। इस दिन बड़े धूमधाम से मां लक्ष्मी और गणपति की पूजा की जाती है। हर व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि उसके घर में मां लक्ष्मी की कृपा हो और उनके घर में धन-धान्य की कमी ना हो। ऐसे में लोग दूसरों को प्रसन्न करने का हर एक संभव उपाय करते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान (Diwali 2023)
दीपावली के दिन पूजा करते समय कोई भी भूल न हो इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आपको पूजा करने से पहले विधि और पूजन की सभी लिस्ट तैयार कर लेना चाहिए। दिवाली का त्यौहार आने वाला है और अगर अभी तक आपने दीपावली के लिए सामग्री नहीं जुटा है तो आपको पंडित और आचार्य से इन बातों के बारे में जान लेना चाहिए। तो आईए जानते हैं आचार्य पंडित अविनाश मिश्रा से दीपावली को लेकर कुछ खास बाते।
इस बार दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। दिवाली के दिन सबसे ज्यादा महत्व लक्ष्मी गणेश की पूजा की होती है और आप अगर इस दिन सच्चे मन से देवी लक्ष्मी और गणपति की पूजा करेंगे तो आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी। शुभ मुहूर्त में गणपति और लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। लेकिन पूजा करने से पहले पूजन सामग्री के बारे में जानकारी रखना चाहिए।तो आईए जानते हैं पूजन सामग्री के बारे में।
पूजा की आवश्यक सामग्री
इस दिन आपको पूजन में लकड़ी की चौकी बनानी चाहिए, लकड़ी की चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला वस्त्र आपके पास होना आवश्यक है, इसके साथ ही आपके पास लक्ष्मी गणपति की मूर्ति होनी चाहिए। साथी गणपति और लक्ष्मी की पूजा के लिए आपके पास कुमकुम, चंदन,हल्दी,रोली,अक्षत पान सुपारी, साबुत नारियल, अगरबत्ती,दीपक, घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक,कपास की बत्ती,पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल, कपूर, कलावा,सबूत गेहूं के दाने, दूर्वा एवं एक छोटी सी झाड़ू और कुछ सिक्के होने जरूरी है।
पूजा-विधि
पंडित जी के अनुसार दिवाली के दिन आपके घर के कोने-कोने की सफाई करना चाहिए और घर के कोने-कोने में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। उसके बाद आपको लकड़ी की चौकी पर लाल सूती का कपड़ा बिछाना चाहिए और बीच में मुट्ठी भर आना आज रख लेना चाहिए। फिर कलस को अनाज के बीच में रखिए और कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ अक्षत के दाने डाल दीजिए। कलश पर पांच आम के पत्ते गोलाकार आकार में रख लेना चाहिए और फिर बीच में धान की देवी माता लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिने तरफ भगवान गणेश की मूर्ति रखनी चाहिए।
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उसके बाद एक छोटी सी थाली में अनाज के कुछ दोनों से आपको एक छोटा सा पहाड़ बनाना चाहिए, उसके बाद हल्दी से आप एक कमल का फूल बना ले और कुछ सिक्के डालें फिर उसे मूर्ति के सामने रख दीजिए। उसके बाद आप अपने व्यापार लिखा पुस्तक या धन व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मां लक्ष्मी और गणपति की मूर्ति के सामने रख दीजिए। उसके बाद आप मां लक्ष्मी और गणपति को तिलक लगाए और फिर दीप जलाएं। फिर पुष्प अर्पित करें।
गणपति-मां लक्ष्मी की पूजा विधि (Diwali 2023)
पूजन करते समय आप अपनी हथेली में कुछ फूल रख लीजिए। उसके बाद आंखें बंद कर लीजिए और दिवाली के मंत्र पढ़िए। फिर हाथ में रखे फूल को गणपति और मां लक्ष्मी को अर्पित करिए। फिर माता लक्ष्मी की मूर्ति को जल से स्नान कारण फिर उसके बाद पंचामृत से स्नान कराये। उसके बाद उसे साफ कपड़े से पूछ ले और फिर उनके स्थान पर उन्हें वापस रख दीजिए। उसके बाद माता लक्ष्मी के गले में पुष्प का माला अर्पित करके अगरबत्ती जलाएं। फिर नारियल पान सुपारी माता को अर्पित करें। उसके बाद एक थाली में दिया जलाएं और पूजा की घंटी बजाते हुए माता लक्ष्मी की आरती करें। ध्यान रखें गणपति की आरती भी आपके साथ में करनी चाहिए ताकि आपके घर में सुख समृद्धि बनी रहे।
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