Rapid Rail Route: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच जल्द ही रैपिड रेल दौड़ती नजर आएगी। रैपिड रेल को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है, जिसके मुताबिक देश की पहली रैपिड रेल की शुरुआत जल्द ही होने वाली है। बता दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाएंगे। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के रैपिड रेल कॉरिडोर की देखभाल करने वाली नोडल एजेंसी 17 किलोमीटर के पहले खंड को इसी महीने शुरू किया जा सकता है। रेल नेटवर्क शुरू होने के बाद रैपिड रेल वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से ज्यादा रफ्तार के साथ पटरी पर दौड़ती नजर आएगी और भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन बन जाएगी।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड एक रेल कॉरिडोर पर दुहाई से मेरठ साउथ स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी स्टेशनों और ट्रैक बिछाने, ओएचई इंस्टॉलेशन के सभी कार्यों का निरीक्षण भी किया।
55 मिनट में पहुंच जाएंगे दिल्ली से मेरठ (Rapid Rail Route)
जल्द ही रैपिड रेल देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन के तौर पर जानी जाएगी। दिल्ली से मेरठ का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन है। इसमें पहला सेक्शन साहिबाबाद से दुहाई तक का है, जो 17 किलोमीटर का होगा और इसके बीच कुल 5 स्टेशन आएंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल है। इस दौरान पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा। मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में काम होगा, जबकि तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का काम पूरा किया जाएगा। साल 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच यह ट्रेन रफ्तार भरने लगेगी। इसके बाद आप सिर्फ 55 मिनट में ही दिल्ली से मेरठ पहुंच जाएंगे।
सुरंग में भी आयेंगे मोबाइल नेटवर्क
रैपिड रेल की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इससे आप बेहद कम समय में दिल्ली से मेरठ का सफर पूरा कर सकेंगे। इसके साथ ही लोगों को रैपिड रेल में मोबाइल नेटवर्क की परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। ट्रेन चाहे सुरंग से ही होकर क्यों न गुजरे, लेकिन फिर भी यात्रियों का मोबाइल नेटवर्क नहीं जाएगा। एनसीआरटीसी ने सुरंग के अंदर भरोसेमंद मोबाइल नेटवर्क की सुविधा प्रदान करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में दिल्ली और मेरठ में लगभग 12 किलोमीटर का क्षेत्र भूमिगत होगा, जिसमें 5 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में है और 7 किलोमीटर का हिस्सा मेरठ में भूमिगत किया गया है। इस दौरान भूमिगत सफर में भी आपके फोन के नेटवर्क अच्छे रहेंगे।
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