Cyber Crime In India: बदलते दौर के साथ-साथ जैसे-जैसे नेट नेटवर्किंग का दायरा बढ़ता जा रहा है, इसी के साथ हमारी निजी जिंदगी अब निजी नहीं रही है। क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 5 में से 1 इंसान की निजी जानकारी लीक हो रही है और इसका जिम्मेदार कोई ओर नहीं बल्कि हम खुद है। हम अपनी छोटी से छोटी लापरवाही के चलते ही अपने इंफॉर्मेशन को खुद लीक कर देते है, जिन्हें साइबर क्रिमिनल्स गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।
लीक हो रही है लोगों की निजी जानकारियां
बता दे यह जानकारियां बैंकिंग, मेडिकल और सोशल मीडिया के जरिए लीक हो रही है। इस जानकारी का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल्स आपके साथ ठगी करने में करते हैं। इतना ही नहीं यह ठगी सिर्फ आम लोगों के साथ ही नहीं, बल्कि कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ ही होती है। इस समय आप कई ऐसे प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं, जिसके बाद कंपनी के वही टारगेट प्रोडक्ट मार्केटिंग के नाम पर आपकी उस जानकारी को लीक कर देते हैं।
इन दिनों आप खबरों में डाटा चोरी होने की खबरें काफी ज्यादा सुन रहे हैं। इसके साथ ही साइबर क्राइम के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हम आपके लिए कुछ ऐसी जानकारियां लेकर आए हैं, जिसके जरिए आप अपनी निजी जानकारियों को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ बातों का खास तौर पर ख्याल रखना होगा, जैसे-
कमजोर पासवर्ड है सबसे बड़ी परेशानी
- सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट या बैंकिंग के लिए कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो उसे तोड़ना साइबर क्रिमिनल्स के लिए मुश्किल नहीं होता।
- खास तौर पर अपनी डेट ऑफ बर्थ या अपने नाम के शब्दों का इस्तेमाल अपने पासवर्ड में बिल्कुल भी ना करें। इससे आपका अकाउंट जल्दी हैक हो जाता है।
- डाटा उल्लंघन के साथ-साथ सबसे ज्यादा मामले कमजोर पासवर्ड के कारण हुई साइबर चोरी से जुड़े होते हैं। ऐसे में अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा अपने हर अकाउंट का पासवर्ड मजबूत बनाएं।
- इसके अलावा समय-समय पर पासवर्ड जरूर बदलें।
- कभी भी पासवर्ड को अपनी फोन डिवाइस, अपनी गूगल शीट या एक्सेल शीट में सेव करके ना रखें। इससे आपका पासवर्ड लीक होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं।
पुरानी पासवर्ड का ना करें उपयोग
समय-समय पर फोन या आपके सॉफ्टवेयर के आए अपडेट को जरूर इस्तेमाल करें। फोन सॉफ्टवेयर को अपडेट कर आप लेटेस्ट सिक्योरिटी फीचर हासिल कर सकते हैं। इससे आपके फोन की, आपके डाटा की, आपके सोशल नेटवर्किंग साइट्स की… सिक्योरिटी बढ़ जाती है। कई बार लेटेस्ट सॉफ्टवेयर इस्तेमाल ना करने के कारण भी आप स्कैमर्स के शिकार बन जाते हैं। ऐसे में हमेशा अपने डिवाइस को समय-समय पर अपडेट जरूर करें।
फिशिंग ई-मेल ओपन ना करें
इसके अलावा आजकल स्कैमर्स ने लोगों को ठगने का एक नया तरीका निकाला है। ऐसे में वह कई बार फिशिंग ई-मेल का सहारा लेते हैं। इस ई-मेल के मिलने पर लोग कई बार सोच विचार में पड़ जाते हैं कि फिशिंग ईमेल ओपन करें या नहीं। इसके साथ उन्होंने एक अटैचमेंट भी डाउनलोड करने को दी होती है। फिशिंग ईमेल ओपन करना यह बेहद आम गलती है, इसके जरिए स्कैमर्स आपके डाटा को एक्सेस कर लेते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप ध्यान दें कि संदिग्ध इमेल ना खोलें और ना ही उनके अंदर दी गई अटैचमेंट फाइल को डाउनलोड करें।
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