एक पत्नी चाहिए…दुल्हन मांगने कलेक्टर के पास पहुंचे 50 दुल्हें, घोड़ों पर सवार दुल्हों का Video हुआ Viral

Grooms Demand Bride To Collector: महाराष्ट्र के सोलापुर का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर न सिर्फ तेजी से वायरल हो रहा है, बल्कि लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। यह वीडियो युवा से लेकर मध्यम वर्ग के लोगों को पसंद आ रहा है। दरअसल इस वीडियो में पूरे गाजे-बाजे के साथ शानदार शादी का सपना लिए घोड़े पर सवार होकर 50 दुल्हों का जुलूस कलेक्टर ऑफिस पहुंचा है। इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र के कलेक्टर से दुल्हन की डिमांड की है। क्या है पूरा मामला आइए हम आपको डिटेल में बताते हैं।

दुल्हों का जूलूस पहुंचा कलेक्टर दफ्तर

एक पत्नी चाहिए… एक पत्नी! यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह बात कुर्ता-पजामा, शेरवानी, कोट पेंट डालकर पहुंचे इन 50 दूल्हों का हुजूम कह रहा है, जो महाराष्ट्र के सोलापुर में कलेक्टर दफ्तर के बाहर पहुंचा है। इन सबके गले में एक दख्ती लटकी हुई है, जिस पर लिखा है- एक पत्नी चाहिए… एक पत्नी! मुझसे शादी करने के लिए कोई भी लड़की दे सकता है… सरकार होश में आओ…. और हम से बात करो…. तुम्हें हमारी दुर्दशा पर ध्यान देना होगा।

Grooms Demand Bride To Collector

इस दौरान इस रैली में 12 साल के एक बच्चे ने भी एक तख्ती पहनी हुई है, जिसकी तख्ती पर लिखा है- मेरी शादी होगी या नहीं?… बता दे इस रैली में 25 से लेकर 40 तक की उम्र के कई पढ़े-लिखे से लेकर सम्मानित मध्यवर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखने वाले दूल्हे शामिल हुए हैं, जिनमें से कुछ किसान हैं तो कुछ निजी कंपनियों में काम करने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्त्री-पुरुष अनुपात बिगड़ने के कारण इन स्वस्थ, कमाऊं और सक्षम पुरुषों को लड़कियां नहीं मिल रही है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि जो मिल भी रही है वह इनसे शादी करने को तैयार नहीं हो रही।

तेजी से घट रहा है लड़कियों का जन्म अनुपात

यह पूरा मामला महाराष्ट्र के सोलापुर का है, जहां गाजे-बाजे के साथ 50 दूल्हे एक जुलूस के रूप में कलेक्टर दफ्तर पहुंचे हैं और उन्होंने अपने लिए दुल्हन की मांग की है। एनजीओ ज्योति क्रांति परिषद की ओर से आयोजित की गए इस मार्च ने सोलापुर और अन्य जिलों के ग्रामीण इलाकों की समस्या को इस जुलूस के जरिए उजागर करने की कोशिश की है। उनका कहना है कि उनके क्षेत्र में शादी करने के लिए लड़कियों की बेहद कमी है, क्योंकि यहां पर लड़कियों का अनुपात लड़कों के मुकाबले बेहद कम हो गया है।

Kavita Tiwari