बिहार सरकार की अनौखी पहल, दिव्यांग अभ्यर्थियों के सहयोगियों को मिलेंगे पहले से 4 गुना ज्यादा पैसे

बिहार (Bihar) में प्रतियोगी परीक्षाओं में विकलांगजनों के सहयोगियों (Bihar Blind Student Helper) को अब 100 रुपए के जगह 500 रुपए मिलेंगे। अगर परीक्षा दो सिटिंग में होती है तो दोनों सेटिंग के 800 रुपए मिलेंगे। गौरतलब है कि साल 2007 में पारिश्रमिक निर्धारण हुआ था कि एक पाली के लिए 100 रुपए मिलेंगे। इसके बाद अब पारिश्रमिक को बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा यह नोटिस विभाग के प्रधानों के साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त, जिले के डीएम और प्रतियोगी परीक्षा कंडक्ट कराने वाली सभी संस्थाओं को भेज दिया गया है।

दिव्यांग अभ्यर्थियों के सहयोगियों को मिलेंगे 4 गुना पैसे

एग्जाम में सहयोगी रखने की सुविधा दृष्टिबाधित या फिर नेत्रहीन उम्मीदवारों को दी जाती है। स्थाई रूप से जिनका हाथ नहीं रहता है या फिर वे पाल्सी से ग्रसित रहते हैं, ऐसे उम्मीदवारों को यह सुविधा मिलती है। इस वर्ग के उम्मीदवारों को परीक्षा में 1 घंटा पर 15 मिनट का एक्स्ट्रा समय मिलता है। अगर परीक्षा का आयोजन एट घंटा से ज्यादा होता है, तो उस हिसाब से प्रति घंटा 15 मिनट के हिसाब से समय मिलता है। किंतु यह निर्धारित है कि एक सीटिंग में ज्यादा से ज्यादा 45 मिनट का समय मिलेगा। अगर परीक्षा 1 घंटे से कम समय का होता है तो निर्धारण अनुपातिक विधि से समय मिलेगा।

अनियमितता के चलते हो सकती है कार्रवाई

मालूम हो कि सहयोगियों का समूह से विकलांग उम्मीदवार अपनी इच्छा से किसी को एग्जाम में सहयोगी बना सकते हैं, लेकिन उसकी पहचान और योग्यता के बारे में स्पष्ट रूप से उन्हें जानकारी देनी होगी। आयोजित होने वाली परीक्षा से सहयोगी की शैक्षणिक योग्यता एक स्तर कम होनी चाहिए। सहयोगी के बारे में किसी तरह के अनियमितता के बारे में पता चलता है तो उम्मीदवार के विरूद्ध कार्रवाई होगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने परीक्षा कंडक्ट कराने वाली संस्थाओं को प्रखंड एवं जिला स्तर पर सहयोगियों का समूह बनाने को कहा है। हर परीक्षा के लिए अलग-अलग पैनल बनेगा। उम्मीदवारों को इस तरह की सुविधा मिलेगी कि वह एग्जाम से दो-तीन दिन पहले ही सहयोगी से मिलकर उसके लिखने की कैपिसिटी और योग्यता के बारे में जानकारी ले सकता है।