भारत में बन रहा विश्‍व के सबसे ऊंचे पुल पर जल्द दौड़ेगी ट्रेन, कुतुबमीनार से भी ऊंचा है पुल

रेल लाइन बिछाने के मामले में भारतीय रेलवे अब तक में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। बेहद कम समय में अंडरपास निर्माण और सबसे ऊंचाई पर रेल ब्रिज बना कर भारतीय रेलवे ने अपनी अलग पहचान बनाई है। एक बार फिर से रेलवे कुछ ऐसा ही करने जा रहा है। रेलवे के द्वारा मणिपुर में बनाई जा रही जिरिबम-इम्‍फाल रेल लाइन (Jiribam-Imphal Rail Line) के अंतर्गत बनाए जा रहे पुलों के लिए ऊंचे खंभों का निर्माण कराया जा रहा है।

रेलव के द्वारा मणिपुर की इसी रेल लाइन के निर्माण के दौरान दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज का खंभा भी बनवाया गया है। आपको बता दें कि इस खम्भे की कुल ऊंचाई 141 मीटर है। यह जिरिबम-इम्‍फाल रेल लाइन का हिस्‍सा है, जोकि 111 किमी लंबी है। यह रेल लाइन इम्‍फाल को देश के ब्रॉड गेज नेटवर्क से जोड़ने का काम करती है।

10 से 12 घंटे का सफर बस 2 घंटे मे पूरा

गौरतलब है कि इससे तपूर्व रेलवे ब्रिज का सबसे ऊंचा खंभा यूरोप के मोटिनेगरो के माला-रिजेका वायडक्‍ट में स्थित था, जो 139 मीटर उंचा है। प्रोजेक्‍ट के चीफ इंजीनियर संदीप शर्मा ने बताया कि मणिपुर में इस प्रोजेक्‍ट का काम पूरा होने के बाद 111 किमी की दूरी 2 से ढाई घंटे में तय की जा सकेगी। बता दे कि जिरिबम से इम्‍फाल की दूरी 220 किमी है. , यह सफर 10 से 12 घंटे में पूरा हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि नोनी घाटी पर बनाया जाने वाला यह खंभा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज खंभा होगा। उन्‍होंने दिसंबर 2023 तक इस पुल के निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना जताई।

फरवरी 2022 तक हो सकेगा पूरा

संदीप शर्मा ने बताया कि निर्माण कार्य के पहले चरण 12 किमी की लाइन के निर्माण कार्य को शुरू किया गया , जबकि दूसरे चरण का 98 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है। फरवरी 2022 तक इस निर्माण कार्य के पूरा होने की संभावना है। परोयोजना के तीसरे चरण मे खोंगसांग से टूपुल का कार्य नवंबर 2022 तक पूरा किए जाने की संभावना जताई गई है। जबकि टूपुल से इम्‍फाल के बीच के चौथे चरण का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना जताई गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पुल निर्माण की अनुमानित लागत 374 करोड़ रुपये है।

Manish Kumar