दिल्ली के रेस्तरां में महिला को साड़ी पहन कर जाने से रोका! सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला को कुछ लोग साड़ी पहनकर रेस्तरां के भीतर जाने से रोक रहे हैं। यह वीडियो महज 16 सेकेंड का है, लेकिन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला-पुरुष (संभवतः रेस्तरां के कर्मी) नजर आ रहे हैं। वायरल हुए वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि रेस्तरां की ही एक अन्य महिला कर्मी ने उक्त महिला से कहा कि भीतर साड़ी पहनकर जाने की अनुमति नही है।


हम आपको स्मार्ट कैजुअल अलाऊ कर रहे हैं, लेकिन साड़ी पहनकर भीतर जाने की अनुमति नहीं है। इस वीडियो पर लेखिका शेफाली वैद्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने लिखा, ‘यह कौन तय कर रहा है कि साड़ी ‘स्मार्ट वियर’ नहीं है? मैंने अमेरिका, यूएई के साथ-साथ यूके के सबसे अच्छे रेस्तरां में साड़ी पहनी है। मुझे किसी ने नहीं रोका और कोई अक्वीला रेस्तरां (aquila restaurant ) भारत में एक ड्रेस कोड बना कर तय कर रहा है कि साड़ी स्मार्ट नहीं है! यह आश्चर्यजनक है।’

स्मार्ट वियर की परिभाषा क्या है मुझे बताएं-जर्नलिस्ट अनीता चौधरी

यह वीडियो पहली बार 20 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड किया गया था। जर्नलिस्ट अनीता चौधरी ने इस वीडियो में गृह मंत्री, दिल्ली पुलिस, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, महिला आयोग को टैग कर के लिखा था- ‘अक्वीला रेस्तरां में साड़ी में जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि भारतीय साड़ी स्मार्ट वियर नहीं है। स्मार्ट वियर की परिभाषा क्या है मुझे बताएं। कृपया स्मार्ट वियर की परिभाषा बताएं ताकि मैं साड़ी पहनना बंद कर दूं।’

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भारत में व्यापार करने का कोई हक नहीं- सनातनी नाम के ट्विटर यूजर

इस वीडियो पर युजर्स की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। लोग इस विडियो को देखकर भड़के हुए हैं। सनातनी नाम के ट्विटर यूजर ने इस वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा है- ‘कोई भी संस्था जो भारतीय पोशाक को नहीं पहचानता, उसे भारत में व्यापार करने का कोई हक नहीं है। ब्रिटिश बोर्ड याद आ गया जिस पर लिखा था- ‘कुत्तों और भारतीयों की अनुमति नहीं है। हमें अभी तक औपनिवेशिक दासता से मुक्ति नहीं मिली है’। वही रंजन पटेल नाम के यूजर ने लिखा- ‘दुर्भाग्य से रेस्तरां के पास एंट्री के राइट्स हैं।वे बिना कोई स्पष्टीकरण दिए किसी को भी एंट्री देने से मना कर सकते हैं।’

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