कभी Paytm के मालिक विजय शेखर के पास नहीं थे खाने के पैसे, ऐसे खड़ी दी 1 लाख करोड़ की कंपनी

अक्सर लोग अगर किसी चीज में सफल नही हो पाते तो वह थक हार कर बैठ जाते है लेकिन असली वारियर वही होता है जो अपनी कमजोरी से लड़ कर विजय हासिल करता है और ऐसे ही एक वारियर है पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा जिन्होंने ना सिर्फ अपनी कमजोरियों से लड़ कर अपनी मंजिल हासिल की है बल्कि एक मिसाल के तौर पर सामने आए है।

विजय शेखर शर्मा के जीवन में एक ऐसा भी वक्त था जब वह खाने तक को भी मोहताज थे। किसी तरह पेटभर खाना मिल जाये वही उनके लिए काफी होता था। वो अक्सर अपने दोस्तों के पास किसी बहाने से पहुंच जाते थे ताकि खाना खा सके। इन सारी परेशानियों के बाद भी विजय ने मजबूती से अपनी लड़ाई लड़ी और कड़ी मेहनत कर आज उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये की कंपनी को खड़ा कर दिया। बहुत कम लोग ही विजय शेखर शर्मा के बारे में जानते होंगे लेकिन हम आपको बतादें कि अब वो एक बार फिर से अखबारों की सुर्खियों में हैं क्योकि वो यस बैंक को खरीदने की तैयारी में भी हैं।

फोर्ब्स मैगज़ीन के मुताबिक विजय शेखर शर्मा, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत जमीन से आसमान तक की उड़ान भरी है, वह आज करीब 18,460 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के मालिक हैं। विजय शेखर शर्मा के बारे में ऐसा कहा जाता है कि दुनिया में मोबाइल वॉलेट का चलन लाने में उनका एक अहम किरदार रहा है।

नहीं आती थी अंग्रेजी बोलना

मूल रूप से उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले विजय शेखर शर्मा एक लोअर मिडिल क्लास परिवार में पले-बड़े है और उन्होंने अपने बलबूते पर कड़ी मेहनत कर 18 हज़ार करोड रुपये का व्यक्तिगत एसेट बनाया है। अपनी 12वीं तक कि पढ़ाई सरकारी स्कूल से करने के कारण उन्हें दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। दरअसल, कॉलेज में विजय को अंग्रेजी बोलने में काफी दिक्कतें आती थी लेकिन उन्होंने कभी हार नही मानी और अंग्रेजी किताबों और दोस्तों की मदद से वह बहुत जल्दी अंग्रेजी बोलना सिख गए।

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ऐसे हुई पेटीएम की शुरुवात :-

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद विजय ने नौकरी तो शुरू की लेकिन उन्हें अपनी नौकरी में कोई दिलचस्पी नही थी। अक्सर रास्ते में उन्हें खुले पैसों की दिक्कत होती थी जिसके बाद उन्हें ख्याल आया कि आज के दौर में लोग स्मार्टफोन बहुत यूज़ करते है ऐसे में क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए जिससे पैसों की लें दें फ़ोन से ही हो जाये। फिर क्या था विजय नेइस सोच को ध्यान में रखते हुए PAYTM.COM नाम की एक वेबसाइट बनाई और सबसे पहले वहां मोबाइल रिचार्ज के लिए सुविधा को स्टार्ट किया।

काफी आसान था PAYTM

विजय अपनी कोशिश करते गये जिसके बाद साल 2010 में उनकी कोशिश रंग लाई और पेटीएम का आधिकारिक तौर पर जन्म हुआ। हालांकि जब पेटीएम का जन्म हुआ तो उस वक़्त बाजार में कई ऐसे वेबसाइट्स थे जो ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज की सेवा देते थे लेकिन उन सब के मुकाबले पेटीएम को यूज करने बेहद आसान था और फिर धीरे धीरे पेटीएम की मार्किट में वैल्यू बढ़ गई। मार्केट वैल्यू बढ़ने के बाद विजय ने इसे paytm. कॉम में कई अलग फीचर्स भी जोड़ दिए जैसे कि ऑनलाइन शॉपिंग, बिल पेमेंट, मनी ट्रांसफर जिससे कि लोगों को बेहद आसानी हो। इतनी कड़ी मेहनत के बाद विजय को उनका फल मिला और आज पेटीएम दुनिया का सबसे चर्चित और सबसे ज्यादा यूज़ करने वाला ऑनलाइन प्लेटफार्म बन गया है।

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