देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक नीट (NEET) यानी नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट और जेईई (JEE Mains Exam) यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में बैठना अब जल्द ही पुरानी बात हो जाएगी। दरअसल यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन को भेजे गए लेटेस्ट प्रस्ताव के बाद यही उम्मीद जताई जा रही है। गौरतलब है कि यूजीसी (UGC) को भेजे गए लेटेस्ट प्रस्ताव में इससे जुड़ी कई बातें लिखी गई है। ऐसे में अगर यूजीसी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है, तो नीट और जेईई मेंस एग्जाम को हाल ही में लांच किए गए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के साथ मिलाया जा सकता है।
क्या खत्म हो जायेगा नीट और जेईई एग्जाम
खास बात यह है कि इसके साथ ही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) सभी टेस्ट के लिए एक टेस्ट बन जाएगा। फिलहाल सीयूईटी के जरिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट कोर्सेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम लिए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार (UGC Chairman Prof. M Jagadesh Kumar) का कहना है कि कमीशन एक प्रस्ताव पर काम कर रही है, जिसके तहत मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम को CUET में एकत्रित कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस बात का कोई मतलब नहीं है कि एक ही सब्जेक्ट में अपनी दक्षता साबित करने के लिए स्टूडेंट्स को अलग-अलग एग्जाम में बैठना पड़े। बता दें मौजूदा समय में मेडिकल और डेंटल की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को नीट एग्जाम (NEET Exam) देना अनिवार्य होता है, जबकि इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए अभ्यर्थियों को जेईई मेंस के एग्जाम को पास करना जरूरी रखा गया है। वहीं अगर यूजीसी लेटेस्ट प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है, तो स्टूडेंट को सिर्फ एक एग्जाम देने की जरूरत है। इस नेशनल लेवल एग्जाम के नंबर ही स्टूडेंट्स की किस्मत का आगे का रास्ता खोलेंगे।
प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद लिया जायेगा अहम फैसला
यूजीसी अध्यक्ष ने बताया कि हायर एजुकेशन रेगुलेटर इस समय मौजूदा संभावनाओं के स्तर पर काम कर रहा है। 3 नेशनल लेवल एग्जाम के विलय और उसी पर एक सहमति तक पहुंचने की व्यवहारिकता को देखने के लिए एक समिति बनाई गई है। यूजीसी अध्यक्ष का कहना है कि लेटेस्ट प्रस्ताव में यह कहा गया है कि क्या हम इन सभी एंट्रेंस एग्जाम को एक साथ इकट्ठा कर सकते हैं, ताकि हमारी स्टूडेंट्स को एक ही नॉलेज के आधार पर कई एंट्रेंस एग्जाम के अधीन ना किया जाए।
उन्होंने कहा स्टूडेंट के पास एक एंट्रेंस एग्जाम होना चाहिए, लेकिन सब्जेक्ट के बीच अप्लाई करने के कई अवसर मिलने चाहिए। सभी सब्जेक्ट को शामिल करने के लिए केवल CUET पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट इंजीनियरिंग में जाना चाहते हैं तो उनके लिए मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स के नंबरों की रैंकिंग लिस्ट के आधार पर चयन करना चाहिए। साथ ही मेडिसिन की पढ़ाई के लिए भी इसी तरह की नियमावली पर काम करना चाहिए।
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