लड़कियां एयर होस्टेस और पायलट बनकर विमानों में उड़ने के सपने देखती है या फिर विमान उड़ाने के सपने देखती है लेकिन इनकी सपनों की उड़ान और भी ऊंची है ,हम बात कर रहे हैं 56 साल की शाम श्यामली हलदर ,जिनके इशारों पर विमान उड़ते हैं और विमान रनवे पर उतरते भी हैं, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (Air traffic controller- ATC) के महाप्रबंधक (General manager) के पद की जिम्मेदारी एक महिला को सौंपी गयी है, यह एक बंगाली महिला है. अब तक एटीसी के महाप्रबंधक के पद पर पुरुषों का आधिपत्य रहा है. इस परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार श्यामली हलधर (Shyamali Haldar) नामक महिला को यह पदभार सौंपा गया है.
हमेशा यही कहा जाता रहा है कि एयर ट्रैफिक का काम पुरुष ही अच्छे तरीके से कर सकते हैं. महिलाएं इसके लिए उपयुक्त नहीं हैं. लेकिन, पहली बार यह पदभार एक महिला को सौंपा गया है, जो वास्तव में ऐतिहासिक है. आज देश की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, यह कथन आज चरितार्थ हो गया है.
पल-पल में लेने पड़ते हैं फैसले
एयर ट्रेफिक मैनेजमेंट इतना आसान नहीं है जितना की सोच लेते हैं ,यह दुनिया के सबसे दबाव और बेहद जिम्मेदारी वालों कामों में से एक है, जरा सी चूक होने पर बड़े हादसे का कारण बन सकता है. एयर ट्रेफिक मैनेजमेंट में पल पल में फैसले लेने पड़ते हैं, हरेक चीजों पर नजर रखने पड़ते हैं, हालांकि श्यामली हलदर इसे मुश्किल काम नहीं मानते, उन्होंने कहा पिछले 30 सालों से मैं यही तो करती आ रही हूं, इसलिए अब यह काम कठिन नहीं लगता.
इनके नाम देश की पहली महिला रडार कंट्रोलर का खिताब
श्यामली इससे पहले भी कई उपलब्धि अपने नाम कर चुकी है, वह देश की पहली महिला रडार कंट्रोलर है. श्यामली 1989 बैच की 9 महिला Controler में से एक है जिनकी नियुक्ति हुई थी इनकी ट्रेनिंग प्रयागराज स्थित सिविल एविएशन ट्रेनिंग कॉलेज में हुई और उनकी पहली पोस्टिंग 1991 में कोलकाता में हुई थी. श्यामली कोलकाता और रांची में एयर कंट्रोलर के रूप में काम कर चुकी है. वहीं नागपुर में प्रशिक्षण प्रभारी के अलावा कोलकाता में शिफ्ट इंचार्ज और गुवाहाटी में एयर ट्रैफिक सर्विस इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवा दे चुकी है.
परिवार में सही संतुलन
56 वर्षीय श्यामली हलधर का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था और उनकी पढ़ाई भी महाराष्ट्र में हुई है. इनके पिता का आकाशवाणी के अधिकारी थे। उन्होंने कहा मैं सहज तरीके से चलती हूं कभी घर को ऑफिस नहीं ले जाती और ऑफिस को घर नहीं लाती। काम करने के बाद जब मैं घर लौट कर अपनी बेटी को देखती हूं तो मन काफी हल्का हो जाता है।
इस नौकरी और मेरी बेटी ने मुझे मेरी जिम्मेदारियों के निर्वहन के प्रति ईमानदार बनाया है। इन्हें बिरयानी पकाने का शौक है समय मिलने पर इस शौक को भी पूरा करती हैं वर्ष 1990 में वह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में एयरोड्रम अधिकारी के रूप में नियुक्त हुई थी. अपने 30 वर्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने एयर ट्रैफिक सिस्टम (Air traffic system) की प्रमुख, संयुक्त महा प्रबंधक जैसे पदों पर कार्य किया है. साथ ही उन्होंने जूनियर अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया है.
बहुत ही चुनौतीपूर्ण है नई जिम्मेदारी
श्यामली के लिए नई जिम्मेदारी बेहद ही चुनौतीपूर्ण है आपको बता दें कि देश में पूर्वी क्षेत्र की अकाश सीमा सबसे विस्तार में फैला हुआ है इसका दायरा पूरब में म्यांमार, उत्तर में वाराणसी, उत्तर पश्चिम में गुवाहटी, पश्चिम में प्राया: नागपुर और दक्षिण में हैदराबाद तक विस्तृत है इन समस्त जगहों पर विमान Air ट्रैफिक कंट्रोल की पूरी जिम्मेदारी Shyamali Haldar के कंधों पर ही होगी.
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