‘वन पर्सन-वन पोस्ट’ पर चिराग से छीनी पार्टी की कमान, मंत्री बनने पर क्या अध्यक्ष पद छोड़ेगे पारस ?

पिछले दिनों नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसके बाद से बिहार की सियासत मे हलचल मची हुई है। हाल मे बिहार के काफी चर्चित चेहरे पशुपति कुमार पारस को भी कैबिनेट मंत्री मे जगह दिया गया है। पारस के मंत्री बनते ही यह सवाल गर्म है कि क्या वे अब लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे या फिर वे इस पद से इस्तीफ़ा देंगे।

यह सवाल इसलिए गर्म है क्योंकि पशुपति कुमार पारस ने ‘वन पर्सन-वन पोस्ट’ को ही आधार बनाकर अपने भतीजे चिराग पासवान के पार्टी के अध्यक्ष बने रहने पर सवाल खड़ा किया था। उन्होने चिराग के खिलाफ कार्यवाही करते हुए चिराग को उनके पद से हटाया दिया था और कहा था कि पार्टी मे वन पर्सन-वन पोस्ट’ का फार्मूला लागू होना चाहिए। हालांकि मिडिया से हुए बातचीत मे पशुपति पारस ने कहा था कि वे कैबिनेट मंत्री बनने के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे।

गौरमतलब है कि लोजपा मे बड़ी फूट पैदा हो चुकी है। बीते दिनों मे पारस ने चिराग को छोड़ लोजपा के सभी सांसदों को अपनी तरफ कर लिया था और पाँच सांसदों के साथ वे लोजपा सन्सदीय दल के नेता भी चुने गए थे। इसके साथ ही उन्होंने चिराग को उनके ही पार्टी मे बिलकुल अकेला कर दिया था। लेकिन अब यह चर्चा जोरों पर है कि कैबिनेट मंत्री का पद सम्भाल्ने के बाद पारस लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस्तीफा देकर अपने किसी करीबी और विश्वसनीय नेता को इस पद पर बिठा सकते हैं।

अभी 4 पद पर हैं आसीन

बहरहाल कैबिनेट मन्त्री मे शामिल होने के बाद पशुपति कुमार पारस के पास चार पदों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री मोदी के कैबिनेट मे मंत्री बनने के अलावा वे पारस गुट के द्वारा लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वे सन्सदीय दल के नेता है और लोजपा की एक और इकाई दलित सेना के अध्यक्ष भी हैं। ऐसे मे यह तय माना जा रहा कि पारस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ दे देंगे। लेकिन अभी तक पारस गुट ने इस बात को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। ऐसे मे यह सवाल बराबर उठ रहे कि भतीजे से पार्टी की सत्ता लेनेवाले पारस क्या वन पर्सन-वन पोस्ट’ की बात पर खुद भी अमल करेंगे या नहीं।

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