Success Story Of U19 WC Winner Archana Devi: भारतीय वुमन क्रिकेट टीम ने T20 अंडर-19 वर्ल्ड कप में जीत का झंडा गाडते हुए लोगों को अपनी जबरदस्त परफॉर्मेंस से अपना मुरीद बना लिया है। आज अंडर-19 वूमेंस टीम की चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है। अंडर-19 वूमंस वर्ल्ड कप को जीतने वाली इस टीम ने इंग्लैंड को सिर्फ 7 विकेट से करारी मात ही नहीं दी, बल्कि इस सीरीज में हर किसी ने अपने अपने लेवल पर बेस्ट परफॉर्मेंस दी है, जिसमें एक नाम अर्चना देवी का भी है। अर्चना देवी की शानदार गेंदबाजी के साथ-साथ उनकी दमदार कैच की चर्चा आज चौतरफा हो रही है। ऐसे में आइए हम आपको बताएं यूपी के उन्नाव के बांगरमऊ के छोटे से गांव में रहने वाली अर्चना देवी कैसे आज क्रिकेट की स्टार बन गई है।
कौन है क्रिकेटर अर्चना देवी
अर्चना देवी उन्नाव के एक छोटे से गांव रतईपुरवा की रहने वाली हैं। आज अर्चना देवी किसी पहचान की मोहताज नहीं है, लेकिन इस कामयाबी के मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें एक लंबे संघर्ष के जीवन को जीना पड़ा है। अर्चना के पिता का निधन बचपन में ही हो गया था, ऐसे में पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे। बचपन से ही उनकी रूचि क्रिकेट की तरफ थी, लेकिन क्रिकेट खेलने के लिए छोटा सा बल्ला खरीदने के भी पैसे नहीं थे। हालांकि इन सबके बावजूद उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और आज कामयाबी का यह मुकाम हासिल किया है।
अर्चना देवी 18 साल की है और वह एक अच्छी बल्लेबाज होने के साथ-साथ ऑफ स्पिनर गेंदबाज भी है। उन्होंने खुद बताया था कि छोटी थी तो इस खेल के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी। पिता के निधन के बाद बड़ी मुश्किलों से परिवार का गुजर-बसर चल रहा था। इसी दौरान साल 2017 में उनके छोटे भाई को भी सांप ने काट लिया और उसकी भी मौत हो गई। भाई की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया। इसके बाद उनकी परवरिश अकेले उनकी मां सावित्री देवी ने की है।
मां को डायन कहकर बुलाते थे गांव वाले
कैंसर से पिता की मौत के बाद जब सांप के काटने से भाई की भी मौत हो गई तो पूरे गांव वालों ने उनकी मां को डायन कहना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं लोगों ने उनके घर पर आना भी बंद कर दिया। लोग उनके घर का पानी पीना भी बुरा मानते थे। ऐसे हालातों में मां ने अकेले ही बेटी की न सिर्फ परवरिश की, बल्कि अपनी बेटी अर्चना को आज अपने दम पर खड़ा भी कर दिखाया है।
बधाई देने वालों का लगा तांता
अर्चना देवी की मेहनत और उनकी लगन की ही देन है कि जो गांव वाले कभी उनके घर आना और उनके घर का पानी पीना पसंद नहीं करते थे, आज अंडर-19 वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय वुमेंन क्रिकेट टीम की जीत के बाद अर्चना देवी के घर पर बधाई देने और उन्हें मिठाई खिलाने पहुंच रहे हैं। अर्चना ने गांव वालों की सोच और उनके नजरिए को अपनी मेहनत, अपनी लगन, अपने बल्ले और अपनी बॉल के जरिए बदला है।
गांव की तंग गलियों से विदेश के मैदान पर अपने बल्ले और बॉल का जादू दिखा आज अर्चना देवी ने लाखों-करोड़ों महिलाओं को कुछ कर दिखाने का जज्बा दिया है। अर्चना आज उन बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो कठिन परिस्थितियों में अपनी जिंदगी में कुछ कर दिखाने का सपना देखती है।