सरकारी स्कूल में पढ़ सौम्या ने फर्स्ट अटेंप्ट में ही परीक्षा पास कर बनीं गयी जज

कहते है जब बच्चे अपने जीवन में सफलता की सीढ़ी चढ़ते है तो सबसे ज्यादा खुशी उनके माँ बाप को होती है। हर माँ बाप का यह सपना होता है कि उनका बच्चा अपने जीवन में वो मुकाम हासिल करें जहाँ से उसे जीवन की सारी खुशी नसीब हो और जब बच्चे माँ बाप के सपने को साकार करते है तो वो उनके जन्नत से कम नही होता। ऐसा ही कुछ किया है उत्तर प्रदेश की सौम्य द्विवेदी ने जिन्होंने अपने माता पिता के सपने को पूरा कर उन्हें बेहद खुश कर दिया। शुरू से ही शिक्षक बनने को इक्छुक सौम्या ने अपने पापा के सपनो को पूरा करने के लिए जमकर मेहनत की और फर्स्ट एटेम्पट में ही यूपीएससी पीसीएस जे की परीक्षा को पास कर 151वां रैंक हासिल किया है।

मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली सौम्या ने अपने गांव घनौटी से ही अपनी 12वीं तक कि पढ़ाई पूरी की और फिर बीएचयू से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। सौम्या के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी जज बने और सौम्या ने अपने पिता का यह सपना सच कर दिया और एग्जाम में जबरदस्त सफलता हासिल की।

10 साल की थी तब माँ का देहांत हो गया

दिनेश द्विवेदी यानी कि सौम्या के पिता को सौम्या पर हमेशा से ही भरोसा था की वह उनका सपना जरूर पूरा करेगी वही सौम्या ने भी अपने पिता के विश्वास पर विश्वास जताया और परीक्षा पास कर गई। लेकिन सौम्या के लिए सब कुछ आसान नही था क्योंकि जब वो 10 साल की थी तब उनकी माँ का देहांत हो गया और साथ ही कुछ सालों बाद उनकी बड़ी बहन की भी शादी हो गई ऐसे में सौम्या की परवरिश उनके पिता ने ही की हैं।

12वीं तक कि पढ़ाई गांव से ही करने के बाद सौम्या ने वाराणसी का रूख लिया और अपनी एलएलबी की डिग्री बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के वक़्त ही सौम्या ने यूपी पीसीएस जे की तैयारी शुरू कर दी थी जिसका परिणाम यह रहा कि उन्होंने अपने पहले ही एटेम्पट में अपने एग्जाम को पास कर लिया और फिलहाल वो उसी यूनिवर्सिटी से एलएलएम कर रही हैं।

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एक इंटरव्यू के दौरान सौम्या द्विवेदी ने बताया कि इस सफलता का श्रेय वो अपने पापा को देना चाहती है। उनके पिता ने उनके जज बनने का सपना देखा था, जिसे आज सौम्या ने पूरा कर दिया है। इतना ही नही उन्होंने बताया कि अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने बेहद मेहनत की है। लेकिन अब सौम्या एकेडमिक्स में जाना चाहती हैं और अपना करियर आईपीआर या आर्बीटेशन लॉ में बनाना चाहती हैं।

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