ShivJi Ki Aarti: इस सावन हर सुबह करें शिवजी की ये वाली आरती, भोलेनाथ पूरी करेंगे आपकी हर मुराद

Sawan shivji ki aarti : सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू धर्म के मुताबिक सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। वही साल 2023 का सावन बेहद स्पेशल है, क्योंकि 19 सालों बाद सावन मास और पुरुषोत्तम मास यानी मलमास के साथ पड़ रहे हैं। इस कारण इस साल के सावन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना करते समय भगवान शिव की आरती करना बेहद जरूरी होता है। भगवान शिव अपने भक्तों की पूजा से प्रसन्न हो उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।

क्या है शिव आरती(shivji ki aarti) का महत्व?

सावन के महीने में शिव आरती करने का बेहद खास महत्व है। सनातन धर्म में कहा जाता है कि कोई भी पूजा बिना आरती के संपन्न नहीं होती। आरती को और “आरार्तिक’ और “नीरंजन” भी कहा जाता है। आरती व्यक्ति के आत्मबल को बढ़ाने में मदद करती है। इसके साथ ही अगर कोई परिवार एक साथ मिलकर आरती करता है तो इससे परिवार के रिश्ते मजबूत होते हैं एवं आपसी सामंजस्य में भी बढ़ता है।

सावन महीने में भगवान शिव की कौन सी आरती करनी चाहिए?

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥

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(डिस्क्लेमर- बता दे ऊपर दी गई सारी जानकारियां, सामग्री, गणना और विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं है। यह सभी जानकारी धार्मिक ग्रंथों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं से संग्रहित कर दी गई है। इस जानकारी को लेख के जरिए लोगों तक पहुंचाना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है। हम इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करते है। आप इसका उपयोग महज सूचना समझकर कर सकते हैं। इसका पालन करना ना करना आपकी अपनी स्वेच्छा पर निर्भर करता है)

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