भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बनी बिहार की बेटी शिवांगी सिंह, जाने कैसा रहा इनका सफर

यूं तो महिलाएं दुनिया के हर क्षेत्र में ख़ुद को साबित कर रही हैं और अपनी क़ामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं. लेकिन अभी भी बहुत सारे मोर्चे ऐसे हैं, जिनसे उन्हें दूर रखा गया है.कल तक नेवी में किसी महिला का पायलट होना एक दूर की कौड़ी थी लेकिन अब ये सच्चाई है. और इसे साबित किया है बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर की शिवांगी सिंह ने. बिहार की वो लड़की जो आसमां पर छाई है. मिलिए भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह से.

छोटे गांव की लड़की नौसेना में हुई शामिल

शिवांगी ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि जब वह महज 10 साल की थी तब उनके गांव में एक नेता हेलीकॉप्टर से आए थे. सब उन्हें देखने जा रहे थे मैं भी अपने नाना जी के साथ गई और तब मैंने हेलीकॉप्टर को उड़ते हुए देखा और सोचा कि मैं भी पायलट बनूंगी. बिहार के मुजफ्फरपुर के शिवांगी सिंह भारतीय नौसेना में पहली महिला पायलट बनी. 2 दिसंबर 2019 को उन्हें आधिकारिक तौर पर नौसेना के पायलट के रूप में शामिल कर लिया गया था.

इतना आसान नहीं था सबकुछ


शिवांगी कहती है कि उनके लिए यह सब कुछ इतना आसान नहीं था. मणिपाल इंस्टीट्यूट से Mtech की पढ़ाई करते हुए उन्होंने एसएसबी की परीक्षा दी लेकिन उसमें उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी फिर उन्होंने मालवीय नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एमटेक के कोर्स में एडमिशन लिया और 2018 में एक बार फिर उन्होंने SSB का एग्जाम दिया और इस बार उन्हें सफलता हाथ लगी.

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शिवांगी सिंह छह महीने कोच्चि में इंडियन नेवल एयर स्क्वॉड्रन 550 के साथ डोर्नियर 228 एयरक्राफ्ट को उड़ाना सीखा है. फ़िलहाल वो नौसेना में डोर्नियर 228 उड़ा रही है, ये एयरक्राफ्ट नौसेना में पेट्रोलिंग के काम आता है.

पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए डिफेंस दोहरा संघर्ष

आज से दो दशक पहले लॉजिस्टिक काडर, कम्युनिकेशन सेंटर की जिम्मेदारी तक ही महिलाओं को संतोष करना पड़ता था लेकिन अब महिलाएं युद्धपोत से लेकर पायलट के तौर पर नियुक्त की जा रही है. आपको बता दें कि 1992 तक नौसेना में महिलाएं केवल स्वास्थ्य सेवाओं में प्रवेश पाती थी.

जब भी महिलाएं सामान्य से हटकर कुछ अलग करने की कोशिश करती है और आगे बढ़ती है तो उनके सामने सबसे बड़ी बाधा होती है हर एक बड़े पद पर पुरुष प्रधान का होना. यह मानसिकता लगभग सभी जगह मौजूद है चाहे वह सशस्त्र बल हो या सबसे बड़ी नागरिकों की आबादी इस कारण महिलाओं को कई गुना प्रेशर झेलना पड़ता है डिफेंस में महिलाओं के सामने यह सब अभी भी एक चैलेंज बना हुआ है.

अन्य महिलाओं में आशाओं की उम्मीद बरकरार

भारत सरकार ‘नारी शक्ति’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों की बात तो करती है लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार नौसेना में महज 6.7 प्रतिशत महिला अफ़सर हैं. 1992 तक नौसेना में महिलाएं केवल स्वास्थ्य सेवाओं में प्रवेश पाती थीं.बहरहाल काफी सुधार भी आया है, हाल ही में इंडियन नेवी ने सब लेफ्टिनेंट कुमुदनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह को नेवल क्रू के तौर पर तैनात करने का फैसला किया था. इसे नेवी का नया दौर ही समझिए.

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