देखिए भारत मे बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, एफिल टॉवर से भी है ऊंचा, रेल मंत्री ने शेयर किया

अगर आपसे पूछा जाए दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल कहां है तो शायद ही आप इसका जवाब दे पाएं। चलिए आपकी मुश्किल को आसान बनाते हुए बताते है ये भारत में ही है । चौंक गए ना आप ?जी हां दुनिया का सबसे ऊंचा पुल जम्मू कश्मीर में ही है जो की बन कर तैयार हो चुका है। इसकी तस्वीर भारत सरकार के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर के माध्यम से सबके साथ साझा की।

उन्होंने लिखा की यह पुल इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में सबसे उम्दा और बेमिसाल है । हालांकि उन्होंने बताया की दुनिया का सबसे ऊंचा पुल का काम आखरी चरणों में जो की की जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। यह पुल का निर्माण रियासी में चिनाब के ऊपर कटरा- बनिहाल के बीच चल रहा है। इस पुल के बनने से ट्रेनें सीधा कश्मीर का सकेंगी। साल 2002 में ही उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में शामिल किया गया था।

कटरा -बनिहाल रेल लिंक जो की 111 किलोमीटर लंबी है उसमे सबसे चुनौती कटरा से धर्म खंड के 53.66 किलोमीटर लंबे फासले को पूरा करना है। यह रास्ता रियासी, मूरी, पीर पंजाल पहाड़ों के सबसे कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को समाहित करता है। कुल लंबाई का 86 प्रतिशत हिस्सा यानी 46.1 किलोमीटर का रास्ता सुरंग से होकर गुजरता है। 8.6 प्रतिशत हिस्सा यानी 4.6 किलोमीटर रास्ता पुलों का है और बाकी बचे 5.5 प्रतिशत हिस्सा तटबंधों और कटिंग का है। इस प्रोजेक्ट को सरकार ने कोंकण रेलवे को जारी किया था।

चिनाब नदी पर बनाया गया है

आपको बता दें की इसी प्रोजेक्ट में विश्व के सबसे ऊंचे पुल (359 मीटर) का निर्माण कराया जा रहे जो की चिनाब नदी पर और सलाल हाइड्रो पावर डैम के पास हो रहा है। आपको पता ही होगा की पेरिस के एफिल टावर की लंबाई 1280 मीटर है और इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है यानी यह एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।

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इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 21,653 करोड़ की लागत आई है। जिसमे 26 बड़े पुल है और 11 छोटे पुल हैं। इन सभी 37 पुलों की कुल लंबाई 7 किलोमीटर है। इसमें कुल 35 टनल भी हैं जिसमे 27 मुख्य और 8 एस्केप (विकट परिस्थिति में काम आने हेतु निकलने का रास्ता) टनल है। इन सभी सुरंगों में सबसे बड़ा सुरंग टी–49 है जिसकी कुल लंबाई 12.75 किलोमीटर है।

यह प्रोजेक्ट पहले ही पूरा कर लिया जाता अगर कोरोना महामारी और लॉकडाउन ना हुआ होता । लॉकडाउन की वजह से 2 महीने तक काम प्रभावित रहा था। इस प्रोजेक्ट का काम पिछले 15 सालों से निरंतर जारी है। इस पुल का निर्माण अफकांस कंपनी के द्वारा किया जा रहा है।

अफकांस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर पी.कृष्णमूर्ति से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया की लॉकडाउन की वजह से मार्च के अंत में काम को रोकना पड़ा था जिसे अब केंद्र के आदेश मिलने के बाद ब्रिज का काम फिर से शुरू किया गया है। उन्होंने यह भी बताया की देशव्यापी लॉकडाउन में उन्होंने इंजीनियर और कर्मचारियों को थी रोक लिया था और उनके रहने–खाने की व्यवस्था भी उन्होंने ने ही की थी।

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