B. Ed पास नहीं बन सकते प्राइमरी टीचर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका

sc on bed btc case : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.ED) और बेसिक ट्रेनिंग कोर्स (BTC) विवाद पर बड़ा फैसला सुनाया है। इस दौरान बीटीसी यानी बेसिक ट्रेनिंग कोर्स धारकों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जहां राहत मिली है, तो वहीं बीएड के छात्रों के चेहरे उतर गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीआई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को वैध बताया है। न्यायालय के इस आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि बीएड की डिग्री हासिल करने वाले अभ्यर्थी अब प्राइमरी टीचर के पद पर नियुक्त नहीं किए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को दिया बड़ा झटका(sc on bed btc case)

बता दे शुक्रवार के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने b.ed की डिग्री वाले सभी उम्मीदवारों को बड़ा झटका दिया है, जिसके बाद अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने की उनकी दावेदारी पूरी तरह से खत्म हो गई है, क्योंकि न्यायालय ने इन्हें इस लिस्ट से ही बाहर कर दिया है। वहीं अब यह किसी भी प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के पद पर नियुक्त नहीं किए जाएंगे। इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि अब प्राइमरी टीचर के तौर पर सिर्फ बीटीसी डिप्लोमा धारी ही नियुक्त होंगे।

क्या है B.ED और BTC विवाद?

दरअसल b.ed और बीटीसी विवाद एनसीटीई द्वारा साल 2018 में जारी की गई एक अधिसूचना के बाद शुरू हुआ था। इस अधिसूचना में यह कहा गया था कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा यानी REET के केवल लेवल-1 परीक्षयों के लिए ही बीएड डिग्री धारक इस शर्त का ब्रिज कोर्स करेंगे। इस मामले पर राजस्थान उच्च न्यायालय में पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोई फैसला नहीं आया था। वही राजस्थान सरकार ने REET-2021 को लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया था, जिसमें बीएड डिग्री धारक को इस शर्त के साथ परीक्षा में बैठने की परमिशन दी गई कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन ही उनकी नियुक्ति होगी।

BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पर क्या पड़ेगा असर

बता दे ये मामला तब शुरू हुआ था जब राजस्थान सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति निकली थी, जिसमें सरकार द्वारा बीएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती के लिए अयोग्य बताया गया था। वही राजस्थान सरकार के इस फैसले के खिलाफ अभ्यर्थियों ने पहले राजस्थान कोर्ट में याचिका दायर की, जहां से कोई फैसला न मिलने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने भी राजस्थान सरकार के फैसले को सही करार दिया है।

ये भी पढ़ें- BPSC शिक्षक बहाली परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थी देख लें नये नियम, इस बार आखों और चेहरे का भी होगा मिलान; जाने डिटेल

बता दे इस दौरान न्यायमूर्ति अनिरुद्ध कुमार बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजस्थान सरकार की इस पॉलिसी को सही ठहराते हुए इस पर मोहर लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले का असर अब न केवल राजस्थान बल्कि देश के बाकी तमाम राज्यों पर भी नजर आएगा। साथ ही बिहार की BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के अभियार्थिथियों पर इसका असर पड़ सकता है।

Kavita Tiwari