Sawan Purnima 2023: कब है सावन पूर्णिमा? जाने व्रत और स्नान-दान करने की तारीखें और पूजा विधी

Sawan Purnima 2023 Date and Pooja Shubh Muhurat: हिंदू पंचांग में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर पूर्णिमा सावन महीने की हो तो यह और भी खास हो जाती है, क्योंकि इस दिन पूरे देश में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। वही इस साल सावन की पूर्णिमा की तिथि 2 दिन पड़ रही है, जिसकी वजह से सावन पूर्णिमा व्रत और सावन पूर्णिमा स्नान दान भी अलग-अलग दिन किए जाएंगे। ऐसे में अगर आप भी इन दो दिनों को लेकर कन्फ्यूज हो रहे हैं, तो लिए हम आपको सावन पूर्णिमा का स्नान किस दिन करना है? व्रत किस दिन करना है और पूजा किस तरह करनी है? इस बारे में विस्तार से बताते हैं।

बता दे काशी के मशहूर ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट द्वारा सावन की इस साल की पूर्णिमा तिथि के दो दिन को लेकर विस्तार से बताया गया है। उन्होंने कहा है कि जब भी पूर्णिमा तिथि 2 दिन की हो तो उसमें यह देखना जरूरी होता है कि पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय किस दिन है, जिस दिन चंद्रोदय होता है उसे दिन पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। पूर्णिमा का स्नान और दान उदय कल तिथि के दिन ही किया जाता है।

कब है सावन पूर्णिमा की तिथि(Sawan Purnima 2023)?

वैदिक पंचांग के मुताबिक सावन पूर्णिमा की शुरुआत 30 अगस्त बुधवार के दिन 10:58 पर होगी। ऐसे में इस दिन सूर्योदय पहले ही हो चुका होगा ।वही सावन पूर्णिमा की 31 तारीख यानी 31 अगस्त गुरुवार को सुबह 7:05 तक रहेगी। ऐसे में 31 तारीख को ही सावन पूर्णिमा की तारीख माना जाएगा और इसी समय राखी बांधने का भी शुभ मुहूर्त है।

सावन पूर्णिमा व्रत किस दिन रखा जाएगा?

अगर आप सावन पूर्णिमा का व्रत रखते हैं तो बता दें कि सावन पूर्णिमा की तिथि में चंद्रोदय 30 अगस्त को शाम 6: 35 मिनट पर होगा। इस आधार पर सावन पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा। इस व्रत में चंद्रमा की पूजा करते हैं और चंद्रमा को ही अर्ध देते हैं। इस वजह से चंद्रमा की पूर्णिमा तिथि को इस रखा जाएगा।

कब करना है सावन पूर्णिमा का स्नान दान?

बात सावन पूर्णिमा के स्नान दान की करें तो बता दे कि यह 31 अगस्त के दिन किया जाएगा, क्योंकि सावन पूर्णिमा की उदय तिथि यानी पूर्णिमा का सूर्योदय 31 अगस्त को सुबह 5:58 पर होगा। उसे समय ब्रह्म मुहूर्त में सावन पूर्णिमा का स्नान दान प्रारंभ किया जाएगा।

सावन पूर्णिमा 2023 स्नान दान का मुहूर्त क्या होगा?

मालूम हो कि सावन पूर्णिमा का स्नान और दान सुकर्म योग में होता है। ऐसे में इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:29 से शुरू होगा और 5:13 तक रहेगा। सुकर्म योग सुबह से लेकर शाम 5:16 तक है हालांकि इस दिन पूरे समय पंचक रहेगा।

सावन पूर्णिमा के दिन क्या दान करना चाहिए?

सावन पूर्णिमा का दिन चंद्र भगवान को समर्पित होता है। इस वजह से सावन पूर्णिमा को स्नान करने के बाद चंद्रमा से जुड़ी हुई वस्तुओं का ही दान करना चाहिए। 31 अगस्त को पूर्णिमा स्नान के बाद आप अपने समर्थ के अनुसार सफेद कपड़े, चावल, चीनी, सफेद चंदन, खीर, दूध आदि का दान कर सकते हैं।

क्या है सावन पूर्णिमा का महत्व?

बात सावन पूर्णिमा व्रत के दिन के महत्व की करें तो बता दे कि इस दिन भगवान सत्यनारायण और चंद्रमा की पूजा की जाती है। शाम के समय माता लक्ष्मी का पूजन पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है। चंद्रमा की पूजा करने से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है। सत्यनारायण भगवान के आशीर्वाद से परिवार की उन्नति होती है और माता लक्ष्मी धन-वैभव का आशीर्वाद देती है। सावन पूर्णिमा को स्नान करने के बाद दान करने से पुण्य मिलता है।

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Kavita Tiwari