सावन में नॉनवेज क्यों नहीं खाना चाहिए? आध्यात्मिक ही नहीं सांइटिफिक कारण भी कहते हैं- होता है भारी नुकसान

Sawan Special Story: सावन का पावन महीना शुरु हो चुका है और आज सावन का दूसरा सोमवार है। ऐसे में मंदिरों में भगवान शिव को जल समर्पित करने के लिए भारी तादाद में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। भगवान शिव को समर्पित यह महीना हिंदू धर्म में अलग ही महत्वता रखता है। सावन के पूरे महीने लोग शिव की आराधना करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं। ऐसे में जहां हिंदू धर्म के लोग सावन के पावन महीने में प्याज-लहसुन से भी दूरी बना लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग दूध-दही आदि भी खाना छोड़ देते हैं।

सावन की शुरुआत के साथ कुछ लोग मांसाहारी भोजन से भी परहेज कर लेते हैं, लेकिन जो लोग धार्मिक आस्था और मान्यताओं से दूर रहते हैं वह नॉनवेज से दूरी नहीं बनाती। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि सावन के महीने में नॉनवेज से दूरी बनाने के सिर्फ आध्यात्मिक कारण ही नहीं है, बल्कि इसके साइंटिफिक रीजन भी है। आइए हम आपको सावन के महीने में नॉनवेज क्यों नहीं खाना चाहिए…? इस बारे में बताते हैं।

कमजोर पाचन शक्ति है कारण

दरअसल सावन का महीना मानसून में आता है ऐसे में इस दौरान मानसून की वजह से कई दिनों तक सूरज नहीं निकलता है, जिसकी वजह से हमें सूरज की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती है। इससे हमारा मेटाबॉलिज्म यानी पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। पाचन शक्ति के कमजोर हो जाने के कारण नॉनवेज जैसा भारी खाना पचाना शरीर के लिए आसान नहीं होता और यह आंत में सड़ने भी लगता है, जिससे कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी रहता है।

प्रजनन का महीना माना जाता है

कहा जाता है कि बरसात का मौसम कई जीवो के लिए प्रजनन यानी ब्रीडिंग का महीना होता है। ज्यादातर जीव जंतु इस मौसम में ही ब्रीडिंग करते हैं। ऐसे में किसी भी जीव को प्रेगनेंसी के दौरान खाने में नॉनवेज खिलाना, उनके शरीर को नुकसान पहुंचाता है। वैज्ञानिकों की माने तो प्रेगनेंसी की वजह से इन जीवो के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी आते हैं। ऐसे में नॉनवेज खाना उनको नुकसान पहुंचाता है।

बढ़ जाता है शरीर में इंफेक्शन का खतरा

सावन के महीने में लगातार बारिश होने की वजह से वातावरण में संक्रमण फैलने का खतरा भी तेजी से बढ़ जाता है। ऐसे में जीव-जंतु जो घास और पत्ते आदि खाते हैं इन संक्रमण बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। वही जब इन सब संक्रमित जानवरों का मांस व्यक्ति खाते हैं, तो वह भी इस संक्रमण के खतरे में आ जाते हैं। यही वजह है कि मानसून के मौसम के महीने में नॉनवेज खाने से परहेज करना चाहिए।

आयुर्वेदिक कारण भी है मौजूद

सावन के महीने में नॉनवेज ना खाने का आयुर्वेदिक कारण भी है। सावन यानी मानसून जो हमारी इम्यूनिटी को पहले ही कमजोर बना देता है, ऐसे में ऑइली, नॉनवेज, मसालेदार खाना हमारी इम्यूनिटी, हमारे पाचन तंत्र पर भारी असर डालता है। इस तरह के भोजन को पचाना शरीर के लिए इस महीने में आसान नहीं होता। यही वजह है कि आयुर्वेद भी सावन के महीने में इस तरह के भारी खाने को ना खाने की सलाह देता है।

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Kavita Tiwari