ये है ‘सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया’, PSLV जैसी तकनीक विकसित कर भारत को दिलाया पहचान

भारत एक ऐसा महान देश जहां कई महान हस्तियों ने जन्म लिया और उनके किये गए कारनामें दुनिया में आज भी याद किये जाते हैं अब चाहे वो महात्मा गांधी हो या सुभाष चंद्र बोस। यह लिस्ट भी लंबी है। इसी लिस्ट में एक नया नाम जुड़ गया है और वो है भारतीय वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर उडुपी रामचंद्र राव। आपको बतादें की राव वही वैज्ञानिक जी जिनके नेतृत्व में आर्यभट्ट सैटेलाइट का सफल प्रसीक्षण साल 1975 में किया गया था। यही नही राव ने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जैसी रॉकेट की तकनीक भी विकसित किया था जिसके बाद उन्हें भारत का “सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया” कहा जाता हैं।

उडुपी रामचंद्र राव का जन्म 10 मार्च 1932 को कर्नाटक में हुआ था और उनके माता पिता का नाम लक्ष्मीनारायण आचार्य और कृष्णवेनी अम्मा था। राव के माँ पापा की बहुत ख्वाइश थी कि उनका बेटा भी खूब पढ़ाई करें और राव ने इस बात का पूरा ख्याल रखा। उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा क्रिस्चियन हाई स्कूल से पूरी की थी और ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज में दाखिला लिया और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का चयन किया था।

इतना ही नही राव ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के बाद राव ने अहमदाबाद से फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी से पीएचडी कर अपने शोध में जुट गए। इसके बाद राव ने साल 2013 में ‘सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम, वॉशिंगटन” का हिस्सा बनकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खीचा. इस समारोह में शामिल होने वाले राव पहले भारतीय थे। वही अगर बात करें उनकी उपलब्धियों की तो उनके नाम बहुत सारे कीर्तिमान दर्ज है। साथ ही वह लंबे समय तक इसरो में इंडियन स्पेस वैज्ञानिक और चेयरमैन रहे थे।

आपको बता दें की जिस जगह से राव ने अपनी पीएचडी की डिग्री ली वही पर उन्होंने चेयरमैन का पद भी संभाला। वही साल 1976 में उन्हें विज्ञान जगत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था और साल 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. बता दें की भले ही अब ‘सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया’ इस दुनिया में नही हैं, मगर उन्हें उनके कामों के लिए हमेशा याद किया जाता है। गूगल ने भी उनके जन्मदिन के दिन डूडल समर्पित किया है.

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