पाकिस्तानी दुल्हन को अपने ससुराल भारत आने के लिये करना पड़ा दो साल का इंतजार, पहुँच भर गईं आँखे

दो साल बाद पकिस्तान से दो दुल्हन अटारी वाघा बॉर्डर से अपने ससुराल भारत पहुंची है। इनकी शादी दो वर्ष पूर्व ही हो गयी थी लेकिन वीजा न मिलने के कारण इनको दो वर्ष का लंबा इंतजार करना पड़ा। जब दुल्हन अटारी वाघा बॉर्डर से हिंदुस्तान की सीमा में आई तो इनका जोरदार स्वागत किया गया। लंबे अरसे से अपने ससुराल से दूर रहने के बाद अपने से मिलकर सभी भावुक हो गए और आँखों में आंसू आ गये।

बता दे कि दो साल पूर्व बाड़मेर और जैसलमेर के दूल्हे ने पाकिस्तान जाकर पाकिस्तानी दुल्हन से शादी की थी, ये अपनी दुल्हन के साथ ही अपने वतन को लौटना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका और बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ा और मिलन के लिये दो साल का लंबा इंतजार करना पड़ा।

जैसलमेर के बईया गाँव के नेपाल सिंह की शादी पकिस्तान के सिंध प्रांत में रहनेवाली एक लड़की से हुआ था। 26 जनवरी 2019 को उनदोनो की शादी हुई थी। अपनी दुल्हन को शादी करके लाने के लिये नेपाल सिंह थार एक्स्प्रेस से पकिस्तान अपनी बारात लेकर गए थे। धूमधाम से शादी भी हुई। ठीक इसी प्रकार बाड़मेर के गिराब क्षेत्र में रहनेवाले महेंद्र सिंह की शादी भी पाकिस्तान में तय हुई और वे भी अपनी दुल्हन को ब्याह कर लेने के लिये थार एक्सप्रेस से ही बरात लेकर पाकिस्तान गए और 16 अप्रैल 2019 को उनकी शादी हुई।

लेकिन इसी बीच भारत पाकिस्तान के रिश्ते में कड़वाहट आ गयी और पकिस्तान ने दोनों देशों के बीच चलनेवाली थार एक्सप्रेस भी बंद कर दी। ऐसी दशा में स्थिति सामान्य होने का इंतजार करते हुए हिंदुस्तानी दूल्हे 3-4 माह ससुराल में ही रुक गए कि दुल्हन को वीजा मिल जाने के बाद वे अपनी दुल्हन के साथ जाएंगे। लेकिन उनकी दुल्हन को वीजा नहीं मिला। इसके बाद दोनों भारतीय दूल्हे अपनी दुल्हन के बिना ही अपने वतन को लौट आए। लंबे इंतजार के बाद 8 मार्च के दिन दोनों दुल्हनें वाघा बॉर्डर से भारत पहुंची।

बाड़मेर- जैसलमेर के सांसद तथा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के प्रयास से यह संभव हो सका। हालाँकि अभी भी सीमावर्ती क्षेत्र में रहनेवाली विक्रम सिंह की दुल्हन को वीजा नहीं मिला। उनके दुधमुहे बच्चे राजवीर सिंह को वीजा मिलने के बाद बच्चा अपनी माँ के बिना ही नानी के साथ भारत अपने पिता के घर पहुंचा है।

Manish Kumar

Leave a Comment