Pakistan Tax Rule: पाकिस्तान के बदहाल अर्थव्यवस्था की जानकारी सबको है. पाकिस्तान सरकार लगातार कर्ज में डूबती जा रही है यही वजह है कि पाकिस्तान में महंगाई तेजी से बढ़ रही है. पाकिस्तान के नागरिक बढ़ती महंगाई से परेशान हो गए हैं. वहीं दूसरी तरफ भारत लगातार ग्रोथ कर रहा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
भारत में 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम जनता से कितना टैक्स वसूला जाता है. आज हम आपको पाकिस्तान के टैक्स के बारे में बताएंगे.
जानिए पाकिस्तान को कितना देना होता है टैक्स
पाकिस्तान में वेतन भोगी और नॉन वेतन भोगी लोगों को अलग-अलग हिसाब से टैक्स देना होता है. पाकिस्तान में 6 लाख रुपए कमाने वाले को टैक्स नहीं देना होता है इसके बाद 6 लाख से 12 लाख तक सालाना सैलरी वाले लोगों को 2.5 फीसदी का टैक्स देना होता है. 12 लाख से 24 लाख पर 12.5 फ़ीसदी और 24 लाख से 36 लाख पर 20 फ़ीसदी, 36 से 60 लाख पर 25 फीसदी, 60 लाख से 1.20 करोड़ तक 32.5 फीसदी टैक्स देना होता है.
कर्ज में डूब गया है पाकिस्तान(Pakistan Tax Rule)
पाकिस्तान के ऊपर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के ऊपर वित्त वर्ष 2022 में 36.9% कर्ज का बोझ था. नहीं बीते वर्ष 2023 में पाकिस्तान के ऊपर कल सार्वजनिक कर्ज जून 2023 के अंत तक 49.2 ट्रिलियन रुपए था. जो बाद में बढ़कर 62.88 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच गया. इसके बाद भी पाकिस्तान IMF समेत अलग-अलग जगह से कर्ज मांगने की तैयारी में है.
IMF से कर्ज लेने वाले देश
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान के अलावा कई देशों ने भारी भरकम कर्ज लिया है. कर्ज लेने के मामले में 31 मार्च 2023 तक पहले नंबर पर अर्जेंटीना था जिसके ऊपर IMF का 46 अरब डॉलर के उधारी थी. दूसरे नंबर पर मिस्त्र था और तीसरे नंबर पर यूक्रेन. चौथे नंबर पर इक्वाडोर 8.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया है.
खबरों के अनुसार IMF से तीन अरब डॉलर का कर्ज मिलने के बाद पाकिस्तान के ऊपर टोटल 10.4 अरब डॉलर का कर्जा हो जाएगा. इसके बाद पाकिस्तान चौथा सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाला देश बन जाएगा.
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