5 सुबह उठ खेतों में पहुंच जाती है 105 साल की ‘किसान’ पद्मश्री पप्पामल अम्मा, अभी भी कर रही 2.5 एकड़ में खेती

साल 2021 में जब पद्म पुरस्कारों की घोषणा हुई तो एक नाम बेहद चर्चे में आया,जो था पप्पमल अम्मा का। इनके पद्मश्री मिलने की घोषणा के बाद से ही कई लोग उन्हें बधाई देने लगे और इसमें एक खास बात यह थी कि बधाई देने वाले लोगों की लिस्ट में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल था। इतना ही नही बधाई के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी पप्पामल के जज़्बे की तारीफ़ की थी। आपको बतादें की पप्पामल तमिलनाडु में नीलगिरी की तलहटी के पास भवानी के तट पर थेक्कमपट्टी गांव की रहने वाली हैं।

एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान पप्पामल ने बताया था कि वह अभी भी 2.5 एकड़ में खेती करती हैं और वह खेत में बाजरा, केले और भिंडी सहित अलग-अलग फ़सलें उगाती हैं. इतना ही नही 105 वर्ष की होने के बावजूद पप्पामल रोज़ सुबह 5.30 बजे उठती हैं और 6 बजे तक खेतों में पहुंच जाती हैं.

कृषि से जुड़े कई सम्मेलनों में भी भाग लिया

वह सिर्फ किसान नहीं हैं बल्कि तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की सलाहकार समिति का एक हिस्सा भी हैं. उन्होंने कृषि से जुड़े कई सम्मेलनों में भी भाग लिया है और अभी भी वो इन कार्यक्रमों में बेहद सक्रिय है। वह ना सिर्फ इनमे हिस्सा लेती है बल्कि जैविक खेती पर लेक्चर भी देती हैं. साथ ही पप्पामल ने राजनीति में भी दबदबा बनाया है और थेक्कमपट्टी पंचायत के पूर्व वार्ड सदस्य और करमादई पंचायत संघ में पार्षद के रूप में चुनी भी गईं है।

आपको बतादें की DMK नेता स्टालिन से लेकर पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण तक पप्पामल के फैन्स हैं और उनके फुर्तीले अंदाज के कायल है। जिस वक़्त उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला, उस वक़्त लक्ष्मण ने ट्वीट किया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था,”आयु केवल एक संख्या है। 105 वर्षीय पप्पामल जैविक कृषि में एक किंवदंती है. वह थेक्कमपट्टी, तमिलनाडू में अपने क्षेत्र में काम करती है और 2.5 एकड़ की जमीन पर बाजरा, दाल और सब्जियों की खेती करती है एक प्रोविजन स्टोर और भोजनालय चलाती हैं.” 

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