अब ट्रांसजेंडर बिहार में अपराधियों के छुड़ाएंगे ‘छक्के’, बिहार पुलिस में हो रही बहाली

बिहार में बढ़ते अपराध को देखते हुए राज्य की नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब बिहार पुलिस में किन्नर या ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है. अब सिपाही और अवर निरीक्षक के पदों पर इनकी सीधी नियुक्ति की जाएगी. राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद गृह विभाग ने शुक्रवार को इस से जुड़ा संकल्प पत्र जारी कर दिया है.

500 पदों पर एक पद ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित

SI के लिए नियुक्ति का अधिकार DIG स्तर के पदाधिकारी के पास होगा. वही Constable के लिए नियुक्ति का अधिकार SP का होगा. पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग और सिपाही में प्रत्येक 500 पदों पर एक पद किन्नर समुदाय के लिए आरक्षित होगा. इस पद के लिए अलग से विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा अगर किन्नर के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति के क्रम में चयनित अभ्यर्थियों की स्थिति कम पड़ जाती है तो आरक्षित शेष रिक्तियों को उसी मूल विज्ञापन के सामान अभ्यर्थियों से भरने की कार्यवाही की जाएगी.

महिला अभ्यर्थियों के समान होगा नियुक्ति का मापदंड


ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों के लिए शारीरिक मापदंड और शारीरिक दक्षता परीक्षा का मापदंड संबंधित संवर्ग के महिला अभ्यर्थियों के समान होगा. अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कोटे के समरूप ही छूट मिलेगी. वहीं अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम उम्र विज्ञापन के अनुसार होगा.

होना होगा बिहार के मूल निवासी

इस पद के लिए ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों को बिहार राज्य का होना जरूरी है. इसके लिए बिहार राज्य का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सक्षम प्राधिकार से निर्गत ट्रांसजेंडर होने का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा. नियुक्ति के उपरांत इनका पदस्थापना स्थल पदस्थापन जिला पुलिस बल में किया जाएगा.

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नहीं बनेगा किन्नरों का विशेष बटालियन

विभाग ने स्पष्ट साफ कर दिया है कि किन्नरों का विशेष बटालियन बनाना मुश्किल है. क्योंकि विशेष बटालियन के सांगठनिक संरचना के लिए कम से कम 1000 स्वीकृत बल की जरूरत होगी और इतनी बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर समुदाय से योग्य अभ्यर्थियों का मिलना मुश्किल है. इसलिए बिहार पुलिस में ही उनकी सीधी नियुक्ति का फैसला किया गया है.

राज्य के प्रत्येक 1 लाख लोगों में 39 किन्नर

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की आबादी 10.41 करोड़ थी जिसमें ट्रांसजेंडर की संख्या 40,827 थी. इस हिसाब से ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व एक लाख में 39 है. पुलिस में जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व का ध्यान रखने पर वर्तमान समय में कम से कम 51 पद पर ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. यानी 2550 पुलिस अधिकारी या कर्मी पर 1 ट्रांसजेंडर वर्ग का होना चाहिए. इनमें 41 सिपाही और 10 SI पदों की संख्या हो सकती है.

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