अब नहीं मिलेगी एक रुपए मे माचिस की डिब्बी, पड़ी महंगाई की मार; 15 दिनों से सप्लाई है बंद

महँगाई का असर रोजमर्रा उपयोग मे आने वाले माचिस पर भी पड़ने वाला है। जी हाँ, पेट्रोल, डीजल, खाद्य सामग्री के बाद अब माचिस की कीमत भी बढ़ने वाली है। अब से एक रुपये में मिलने वाली माचिस की डिब्बी का प्रचलन अब बंद हो जाएगा। जहां एक रुपये में माचिस मिलती थी, अब वह उपभोक्ताओं को दो रुपये में मिलेगा।

कहा जा रहा कि बढ़ते रॉ मैटेरियल और मजदूरी की लागत बढ़ने के कारण माचिस के मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। बिहार राज्य खुदरा विक्रेता संघ के महासचिव रमेश तलरेजा बताते हैं कि शहर में एक दिसंबर के बाद से माचिस की कीमत बढ़ जाएगी। माचिस बनाने वाली कंपनियों की तरफ से दुकानदारों को इस सम्बन्ध में पहले ही सूचना दी जा चुकी है। दुकानदारों का कहना है कि वे भी अपने ग्राहकों को इस बारे में अवगत करा रहे हैं।

आईटीसी की माचिस की बिक्री ज्यादा

राजधानी पटना में आईटीसी लिमिटेड कंपनी की माचिस होमलाइट और एआईएम की सबसे अधिक माँग है। इस कंपनी के एक रुपये वाली माचिस की डिब्बी में 30 काटियां होती है। टेक्का ब्रांड वाली माचिस की भी अच्छी खासी बिक्री होती है। बिहार राज्य खुदरा विक्रेता संघ के महासचिव ने बताया कि पटना में आईटीसी की माचिस आने से टेक्का की बिक्री पर असर हुआ है। शहरी क्षेत्र में आईटीसी की माचिस की ही सबसे ज्यादा मांग है।

पन्द्रह दिनों से सप्लाई नहीं

शहर के किराना दुकानदारों के पास पिछले पन्द्रह दिनों से माचिस की आपूर्ति नहीं की जा रही है। बिहार राज्य खुदरा विक्रेता संघ के महासचिव बताते हैं कि माचिस के डिस्ट्रीब्यूटरों के पास मौजूद स्टॉक से आपूर्ति की जा रही है। माना जा रहा कि 1 दिसंबर के पहले पुराना स्टॉक खत्म हो जाएगा और नई कीमत वाला स्टॉक ही बाजार मे होगा।

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गांवों में है ज्यादा चलन

शहर में लाइटर का ही ज्यादातर चलन है,लेकिन गांव व कस्बों में अभी भी माचिस का ही ज्यादातर उपयोग किया जाता है। इसके अलावा पूजा पाठ में माचिस का ही उपयोग किया जाता है। मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए आरती और धूप बत्ती जलाने में माचिस की तिल्ली का काफी उपयोग होता है।

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